Shani Ki Sadhesati: ज्योतिष में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है. क्योंकि शनिदेव लोगों द्वारा किये कर्मों के अनुसार उन्हें फल देते हैं. ज्योतिष में शनि देव की तीन दृष्टियों के बारे में बताया गया है. ये दृष्टियां 3, 7, 10 है. इसमें तीसरी दृष्टि सबसे अस्धिक खतरनाक होती है. जिस व्यक्ति पर शनि की तीसरी दृष्टि का प्रभाव होता है उसका जीवन नरक जैसा हो जाता है. शनि की तीसरी दृष्टि से बचने के लिए ये 5 सरल उपाय जरूर करें. राहत मिलेगी.  



शनि देव की तीसरी दृष्टि से बचने के ये 5 सरल उपाय



  1. सेवा करना और सेवा भाव रखना: जिन जातकों को शनि की तीसरी दृष्टि से बचना है वे नियमित रूप से गरीबों की सेवा, भीखारियों की सेवा, रोगियों की सेवा करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शनि की तीसरी दृष्टि से बहुत हद तक राहत मिल सकती है.

  2. पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी ने शनि देव की जान बचाई थी, और बदले में मेरे भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट ने देने का बचन भी लिया था. इसलिए शनिवार के दिन जो भक्त लाल आसन पर लाल धोती या अन्य लाल रंग का वस्त्र पहनकर हनुमानजी की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाता है और हनुमान चालीसा का 21 बार पाठ करता है. उसे भी शनि की तीसरी दृष्टि से राहत मिलती है.

  3. जो भक्त अपने घर आने वाले अतिथियों का सेवा सत्कार करते हैं और भूलकर भी उनका अपमान या तिरस्कार नहीं करते एवं अपने सामर्थ्य के अनुसार सेवा करते हैं. उस पर भी शनि की तीसरी दृष्टि नहीं होती है.  

  4. शनि की तीसरी दृष्टि के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाना और सरसों का तेल दान करना चाहिए.

  5. जातकों को, शनिवार के दिन काले घोड़े को सवा किलो चना खिलाने से शनि की तीसरी दृष्टि से राहत मिलती है. ऐसा इस लिए होता है क्योंकि शनि देव को काली चीजें पसंद हैं.