Sawan Somvar & Chandra Grahan LIVE: खत्म हुआ चंद्र ग्रहण; कल से लग रहा है सावन सोमवार, इस तरह करें भोलेनाथ को प्रसन्न
इस साल के तीसरे चंद्रग्रहण का आषाढ़ की पूर्णिमा को लगना एक अद्भुत संयोग है क्योंकि आषाढ़ की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. आइये जानें क्या असर पड़ेगा इस अद्भुत संयोग वाले चंद्रग्रहण का.
भगवान शिव का पूजन करते समय भूल कर भी तुलसी के पत्तों को नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण को प्रिय है भगवान शिव को नहीं
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़ में कालसर्प दोष को एक अशुभ योग है. जिसकी जन्म कुंडली में काल सर्प दोष होता है वह जीवन भर समस्याओं से जूझता रहता है. मानसिक तनाव बना रहता है. धन की कमी रहती है. कार्य में रुकावटें आती हैं. सावन के हर सोमवार को व्रत रखने और भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजा करने से कालसर्प का दोष कम हो जाता है.
हिन्दू पंचांग के मुताबिक़ सावन मास के पहले सोमवार को विशेष योग बन रहा है. सावन मास की शुरुआत सोमवार से हो रहा है. इस दिन प्रतिपदा तिथि और वैधृति योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है. सूर्य मिथुन राशि और चंद्रमा मकर राशि में मौजूद होंगे.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा होती है. इसके लिए सबसे पहले जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक किया जाता है. इसके बाद दूब, कुशा, कमल, राई, बेलपत्र, धतूरा, मदार, नीलकमल, कनेर, समीपत्र चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान शिव की आरती उतारी जाती है.
वैसे तो सोमवार के दिन व्रत रहने से बाबा भोले नाथ प्रसन्न रहते हैं. लेकिन सावन के सोमवार का विशेष महत्त्व है. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जो महिलाएं सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं उनका पति लंबी आयु को प्राप्त करता है. साथ ही अविवाहित लड़कियों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है.
इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहें हैं. इसके अलावा कई शुभ योग है. जो सावन के सोमवार के व्रत का महत्त्व बढ़ा देते हैं. इन शुभ योग में व्रत रहने से भगवान शिव की कृपा और बढ़ जाती है. सावन के इस शुभ योग में 11 सर्वार्थ सिद्धि योग, 10 सिद्धि योग, 12 अमृत योग और 3 अमृत सिद्धि योग हैं.
इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहें हैं. जो सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं. उके लिए ये पांचों सोमवार इस प्रकार हैं -
सावन का पहला सोमवार -6 जुलाई 2020
सावन का दूसरा सोमवार -13 जुलाई 2020
सावन का तीसरा सोमवार -20 जुलाई 2020
सावन का चौथा सोमवार -27 जुलाई 2020
सावन का पांचवां सोमवार -3अगस्त 2020
इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहें हैं. जो सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं उन्हें दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि सावन में भगवान शिव का रुद्राभिषेक दूध से होता है. वैसे भी सावन में भगवान शिव को दूध चढ़ाया जाता. व्रतकर्ता को वैगन नहीं खाना चाहिए. यह अशुद्ध माना जाता है.
5 जुलाई का सूर्य ग्रहण समाप्त हो गया. इसके साथ ही आषाढ़ मास के बाद सावन के पवित्र मास का आगमन कल 6 जुलाई से हो जायेगा. सवान के पवित्र महीने की शुरुआत सोमवार के दिन से हो रही है. यह अत्यंत शुभ है. सावन के सोमवार का व्रत रखने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते है और भक्त के सभी कष्ट हर लेते है.
साल 2020 में कुल 4 चंद्र ग्रहण और 2 सूर्य ग्रहण लगेंगे. जिसमें से यह तीसरा चंद्र ग्रहण है. इसके पहले दो चंद्र ग्रहण लग चुके हैं. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी की रात 10.37 से शुरू हुआ था जी कि 11 जनवरी को 2.42 AM पर खत्म हुआ था.
5 जुलाई को लगा यह चंद्र ग्रहण इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण था. इसके पहले दो चंद्र ग्रहण लग चुके हैं. जो कि भारत में दिखाई दिए थे. इस ग्रहण के साथ एक संयोग और जुड़ा है. वह है इसी दिन आषाढ़ की पूर्णिमा अर्थात गुरु पूर्णिमा का त्योहार पड़ना.
ग्रहण के दौरान जिन वस्तुओं को छुआ गया है उनकी शुद्धि के लिए उसे ग्रहण के बाद धो देना चाहिए तथा स्वयं भी स्नान करके वस्त्र को धो देना चाहिए. सूर्य या चन्द्र ग्रहण पूरा होने पर उसका शुद्ध बिम्ब देखकर ही भोजन करना चाहिए.
चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों में सूतक काल होता है. यह ग्रहण लगने से पहले शुरू होता है और ग्रहण की समाप्ति के साथ खत्म हो जाता है. सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले तो चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
शायद आप नहीं जानते होंगे ऐसा संयोग पिछले 2 साल से हो रहा है जबकि 2018 चंद्रग्रहण लगातार पूर्णिमा को लग रहा है. यह लगातार तीसरा साल होगा जब चंद्र ग्रहण आषाढ़ की पूर्णिमा को लग रहा है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.
साल 2020 का तीसरा चंद्रग्रहण लग चुका है. धीरे-धीरे यह ग्रहण यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में दिखना शुरू हो गया है. इसकी तस्वीरें अनेक माध्यमों से आनी शुरू हो गई है. भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरू हो गया है जो कि 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा.
पृथ्वी के बीच के हिस्से की छाया जब चांद पर पड़ती है तो उसे अंब्र (Umbra) कहते हैं और जब पृथ्वी के बाकी हिस्सों की छाया चांद के बाकी भाग पर पड़ती है तो उसे पिनंब्र (Penumbra) कहते हैं.
ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. इसलिए ग्रहण काल में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए ताकि ग्रहण की इस नकारात्मक ऊर्जा से गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाया जा सके.
यह चंद्र ग्रहण भारत में सूर्योदय के बाद लगा है इस कारण भी यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ा रहा है. यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई पड़ेगा. जो कि लगभग 2 घंटे 45 मिनट तक रहेगा. 5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण में सूतक काल भी नहीं लगा है.
यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगा है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक बृहस्पति 30 जून को धनु राशि में प्रवेश कर चुके हैं. बृहस्पति देव गुरु हैं. इसके अलावा राहू धनु राशि में पहले से ही मौजूद हैं. ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान बृहस्पति पर राहु की दृष्टि धनु राशि को सीधे प्रभावित कर रही है.
यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है. इस लिए इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा. परन्तु यदि आप इसे देखना चाहेंगे तो ऑनलाइन माध्यमों से देख सकते है.
भारत में सुबह के 8 बजकर 37 मिनट हो गए और चंद्र ग्रहण शुरू हो गया है. ऐसे में धनु राशि के लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ग्रहण 11:22 बजे तक रहेगा. वे ग्रहण समाप्ति के बाद ही घर से बाहर निकलें.
चंद्र ग्रहण को एक खास खगोलीय घटना माना जाता है. चंद्रमा जब पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी छाया में आ जाता है, अर्थात पृथ्वी जब सूर्य और चांद के बीच में होती है तो ऐसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं.
ज्योतिषशास्त्रियों के मुताबिक़ चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ऐसी स्थिति में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. ज्योतिषशास्त्रियों का मानना है कि चंद्रग्रहण लगने के 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है लेकिन यह उपछाया चंद्रग्रहण है इसलिए इसमें सूतक काल नहीं लिया जाता है.
1. ग्रहण के दौरान कोई शुभ कार्य न करें.
2. ग्रहण के दौरान भगवान को याद करते हुए मंत्रों का करें जाप.
3. ग्रहण के बाद स्नान करें. उसके बाद पूरे घर में गंगा जल का करें छिड़काव.
4. ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का नुकीला अपने पास न रखें.
5. गर्भवती महिलायें घर से बाहर न निकलें.
ज्योतिषियों के द्वारा ऐसा मन जाता है कि चंद्रमा मन का कारक है इसलिए जब ये ग्रसित होता है तो लोगों के मन में नकारात्मक विचार जरूर आते हैं. लोगों को चाहिये किग्रहणकाल के दौरान हर किसी को अपने चंद्रमा को बलवान करके की कोशिश जरूर करनी चाहिए इससे उनके मन पर किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं आ पाएगा. आप अपने आपको शुद्ध और पवित्र बनाए रखें। ग्रहणकाल के दौरान अपना और छोटे बच्चों का भी विशेष ध्यान रखें.
आज 5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, इस दौरान पूजा पाठ और सभी धार्मिक कार्यक्रम कर सकेंगे क्योंकि शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है. यह ग्रहण धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दौरान, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा. आज खास बात ये है कि इसी दिन गुरू पूर्णिमा भी है. इस उपछाया चंद्रग्रहण को धनुर्धारी चंद्रग्रहण भी कहा जा रहा है.
आज गुरू पूर्णिमा है और आज ही चंद्रग्रहण लगने वाला है जो कि सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा. गुरू पूर्णिमा का भारत में एक खास महत्त्व है इस दिन को लोग त्यौहार और पर्व के रूप में मानते हैं. गुरू पूर्णिमा के दिन भी चंद्रग्रहण लगने से लोगों में मन में सूतक का संशय बना हुआ है लेकिन इस बार भारत में ग्रहण नहीं लगेगा, इसलिए गुरू पूर्णिमा पर कोई असर नहीं होगा.
उपछाया चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस वजह से इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल ग्रहण लगने से पहले की वो अवधि होती है जिसमें किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते।
आज 7 घंटे बाद लगने वाला है उपछाया चंद्रग्रहण, चंद्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है, ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में अवस्थित हों और ये घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है.
ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गायों को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है.
आज 7 घंटे बाद लगने वाला है उपछाया चंद्रग्रहण, चंद्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है, ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में अवस्थित हों और ये घटना सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है.
इस तरह की मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भोजन वर्जित है और इस समय पर भोजन करने वाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने सालों तक उसे नरक में वास करना पड़ता है.
पारिवारिक माहौल खुशनुमा होगा. परिवार में अच्छा समय गुजरेगा. विवाद की स्थिति से बचें. लेनदेन न करें. रूका हुआ कार्य पूर्ण हो सकता है. वित्तीय रूप से दिन अच्छा रहेगा. जीवन साथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा. क्रोध से बचें.
इस राशि के जातकों को आज के दिन संभल कर रहना होगा. कोई रोग परेशान कर सकता है. डाक्टर से सलाह लेनी पड़ सकती है. खानपान पर ध्यान दें. तनाव से बचें. दिमाग को आराम दें. दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा. लेकिन तर्क करने से बचें. खर्च पर नियंत्रण रखें.
ऐसे जातकों को नौकरी और बिजनेस में लाभ हो सकता है. बिजनेस को लेकर यात्रा करनी पड़ सकती है. कोई रूके हुए कार्य के पूर्ण होने की खबर मिल सकती है. लोगों का सहयोग मिलेगा. परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेगा. खर्चे बढ़ेगे. संतान की शिक्षा को लेकर चिंतित हो सकते हैं. लव पार्टनर से किसी बात को लेकर मनमुटाव हो सकता है.
यह चंद्र ग्रहण धनु राशि पर लग रहा है. इसलिए आपकी राशि पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा. आज के दिन आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी. ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें. तनाव की स्थिति में क्रोध करने से बचें. कहीं पर निवेश करने से बचें. धन से संबंधित मामलों पर योग्य व्यक्तिओं से सलाह लें. वाहन न चलायें.
आज के दिन एकांत पसंद करेंगे. पत्नी / लव पार्टनर के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा. किसी बात पर इमोशनल हो सकते हैं. सेहत का भी ध्यान रखें. इस दिन यात्रा के योग बन रहें है. नई जिम्मेदारी मिलने का भी संभावना बन रही है. खानेपीने की चीजों पर धन व्यय होगा.
चंद्र ग्रहण का तुला राशि पर मिला जुला असर रहेगा. इसलिए इस दिन कोई भी कार्य बिना सोच विचार के न करें. मित्र और किसी रिश्तेदार से तनाव की स्थिति बन सकती है. क्रोध करने से बचें. इस दिन वही कार्य करें जिसमें आपका मन लगता हो.
कम के बोझ के कारण तनाव हो सकता है. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है. परिवार के साथ अधिक समय बीताने का अवसर मिलेगा. ऑन लाइन शॉपिंग के योग हैं. संयम से खर्च करें अन्यथा घर का बजट गड़बड़ हो सकता है. बच्चों के साथ अच्छा समय गुजरेगा. संगीत सुनने और पढ़ने में रूचि बढ़ेगी.
सिंह राशि के लोगों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. वाहन सावधानी से चलायें. पेट संबंधी रोग परेशान कर सकता है इस लिए खानपान पर ध्यान रखें. नए कार्य पर धन खर्च करने की योजना बना सकते हैं. दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा. नए अवसर और बदलाव की भी संभावना बन रही है.
इस राशि के जातकों में आज तनाव हो सकता है लेकिन ये आपके लिए लाभकारी होगा है. जॉब और बिजनेस में लाभ होगा. व्यस्तता के कारण दांपत्य जीवन में संतुलन बनाने में कठिनाई हो सकती है जो कि तनाव का कारण बन सकता है. लव पार्टनर के लिए समय निकालें नहीं तो तनाव मिल सकता है. संतान को लेकर चिंतित हो सकते है.
इस राशि के लोगों का मन विचलित रहेगा. किसी भी विवाद से बचें. मन से नकारात्मक विचारों को निकालें. किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है या बात हो सकती है. घर पर अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा. किसी भी लेनदेन से बचें. सेहत को नुकसान पहुंच सकता है इसलिए अनुशासित जीवनशैली अपनाएं.
कोई रोग परेशान कर सकता है. इस लिए सेहत को लेकर सचेत रहें. व्यापार में नए संबंध बनेंगे लेकिन जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें. खर्चों पर नियंत्रण रखें. घर से बाहर जानें से बचें. जरुरी हो तभी निकलें.
चंद्र ग्रहण के कारण मेष राशि के जातकों में मानसिक तनाव बढ़ सकता है. इस दिन मन अशांत रहेगा. इस लिए कुछ ऐसा न करें जिससे मन अशांत हो. सेहत का ध्यान रखें. आलस हावी रहेगा जिससे काम में मन कम लगेगा. संतान के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है. आय में वृद्धि होगी.
बैकग्राउंड
Lunar Eclipse 2020, Chandra Grahan 2020 Today Timing in India: कल यानी 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व है और इसी दिन लगने वाला चंद्रग्रहण समाप्त हो चुका है. यह इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण था. जो इसके पहले जनवरी और 5 जून को लगा था. आषाढ़ की पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्म भी हुआ था. महर्षि व्यास ने चारों वेदों एवं महाभारत की रचना की. इस कारण उनका नाम वेद व्यास भी है.
उपछाया चंद्रग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर लगेगा और 9 बजकर 59 मिनट पर चंद्र ग्रहण अपने चरम पर होगा. दो घंटे 43 मिनट की अवधि तक रहने के बाद यह चंद्रग्रहण 11 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भारत में नहीं लगेगा. वैसे भी उपछाया चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं माना जाता है. इस लिए चंद्रग्रहण के सूतक काल का कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. यह चंद्र ग्रहण यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण को देखने के लिए क्या करें?
पांच जुलाई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. वैसे भी चंद्र ग्रहण को नंगी आंख से देख सकते हैं. इससे आंखों पर को बुरा असर नहीं पड़ता है. इसके साथ ही लोगों को यह याद रहे कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण से निकलने वाली किरणें आंखों को नुकसान पंहुचा सकती हैं.
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