सफलता का कोई तय नियम नहीं होता है. केवल, निरंतरता ही ऐसा गुण है जो व्यक्ति को आगे बढ़ाने में सबसे प्राकृतिक नियम है. जन्म से लेकर जीवन पर्यंत व्यक्ति प्राकृतिक रूप से गतिमान रहता है. उसकी अथक यात्रा सफलता को सुनिश्चित करती है. बच्चे से बड़ा होना नियमितता का ही परिणाम है.


अक्सर लोग किसी कार्य का आरंभ तो पूरे मनोयोग से करते हैं लेकिन उस पर निरंतरता बनाए नहीं रख पाते हैं. इससे उन्हें सफलता भी नहीं मिलती और भटकाव की स्थिति भी आ जाती है. कार्यारंभ करने से पहले अच्छे विचार अवश्य करें. शुरुआत में पर्याप्त समय लें ताकि सहजता से आगे बढ़ते रह सकें.


दुनिया में जितने भी महान लोग हुए हैं उनमें अपने कार्याें के प्रति हर हाल संघर्ष का जज्बा देखा गया है. अमेरिका के प्रथम राष्ट्र्पति अब्राहम लिंकन कई दौर की कठिनाइयों से गुजरे. कई चुनाव हारे. परिवारिक तनाव का सामना किया. आखिरकार उनकी राजनीतिक यात्रा की निरंतरता ने उन्हें अमेरिका का अध्यक्ष बनाने में सफलता दिला दी.


बल्ब का अविष्कार करने वाले वैज्ञानिक ने कई सौ असफल प्रयास किए. उसके बाद वे लगातार कोशिशों से बल्ब बनाने में सफल हुए. प्रकृति में निरंतरता के उदाहरण पग पग पर हैं. बीज का पेड़ और फल बनना. नदी का सदा समुंदर की ओर प्रवाहित होते रहना. सूर्य का नियमित उदय और अस्त होना निरंतरता के श्रेष्ठ उदाहरण हैं. सफलता का सर्वाेत्तम सूत्र ऐसी प्राकृतिक खूबियों में देखा समझा जा सकता है. करियर हो या कारोबार लगातार प्रयासों से ही बात बनाई जा सकती है.