Religion Quiz: शनि, सूर्य से छठा ग्रह है. यह बृहस्पति के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है. यह एक विशाल गैस है. शनि की औसत त्रिज्या पृथ्वी से लगभग साढ़े नौ गुना है. इसका पृथ्वी के औसत घनत्व का केवल एक-आठवां हिस्सा है. ज्योतिष में, शनि को कर्मशील ग्रह माना जाता है. शनि देव को सूर्यदेव का सबसे बड़ा पुत्र और कर्मफल दाता माना जाता है.


शनि देव को न्याय का देवता भी कहा जाता है. व्यक्ति के कर्मों के अनुसार, शनि देव लोगों को उचित फल और दंड देते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, शनि देव भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र हैं. शनि देव का वर्ण कृष्ण है और यह कौए की सवारी करते हैं. 






शनि मोक्ष देने वाला एक मात्र ग्रह है. शनि प्रकृति में संतुलन बनाए रखते हैं. वह हर एक प्राणी के साथ न्याय करते हैं. शनि केवल अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देने वाले लोगों को ही प्रताड़ित करते हैं. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।। इस मंत्र में शनि के दस नाम कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद हैं. 

 

कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे हों तो शनि दोष उत्पन्न होता है,जिसके कारण कारण व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं. शनि दोष होने पर कई लक्षण दिखने लगते हैं, उन संकेतों को जानकर आप शनि दोष का निवारण कर सकते हैं. शनि से सभी वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप इनसे जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर जानते हैं, तो आइए यहां इस क्विज में भाग लेते हैं और अपने धार्मिक ज्ञान को परखते हैं-