Ram Mandir Ayodhya: भगवान विष्णु के सातवें अवतार, जो त्रेतायुग में मानव के रूप में जन्म लेकर प्रत्येक प्राणी को यह बताना चाहते थे कि मनुष्य जन्म लेकर किस प्रकार मर्यादित रहकर अपने जीवन के आचरण को श्रेष्ठ बनाया जा सकता है, ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का शुभारंभ अयोध्या में काफी पहले ही हो चुका है और अब वह घड़ी आ गई है, जब समस्त देशवासियों के लिए लगभग सैकड़ों साल के बाद रामलला फिर से अपने मंदिर में विराजमान होने वाले हैं जी हां! अयोध्या के भव्य श्री राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को श्री राम लला विराजमान होने जा रहे हैं.


यह दिन कई मामलों में विशेष रहने वाला है, जहां इस दिन पौष का महीना होगा और द्वादशी तिथि होगी इस दिन सोमवार होगा जो चंद्र देव का दिन है और भगवान श्री राम के नाम में भी श्री रामचंद्र आता है भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को दोपहर में केवल 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में 12:29:18 से 12:30:32 में जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.


यह बहुत ही शुभ समय होगा उस समय पर मृगशिरा नक्षत्र होगा और सभी देशवासी इस पल की अपलक दृष्टि से प्रतीक्षा कर रहे हैं इस दिन अभिजीत मुहूर्त भी होगा और सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसे शुभ योगों का निर्माण भी होगा भगवान श्री राम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था.


वर्ष 2024 का कुल अंक 8 है जिसके स्वामी शनि देव हैं आठ का अंक शनिदेव का अंक न्याय और धर्म का प्रतीक है वास्तव में भगवान श्री राम ने सदैव न्याय का पक्ष लिया और धर्म के साथ जुड़े रहे, तभी आज भी अर्थात् कलयुग में भी श्रीराम पूजनीय हैं हमारे प्रभु सदैव प्रासंगिक रहे थे, रहे हैं और सदैव प्रासंगिक रहेंगे और उनसे सदैव हमें नए-नए आदर्शों की प्रेरणा मिलती रहेगी.


श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तब कौन-कौन से शुभ योग होगें


जिस समय प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस समय ब्रह्म योग के बाद इंद्र योग उपस्थित होगा मेष लग्न और वृषभ राशि होगी. 22 जनवरी 2024 को जिस समय पर श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में श्री राम मंदिर के गर्भ गृह में होगी, उस समय मेष राशि पूर्वी क्षितिज पर उदित हो रही होगी, जिसमें देवगुरु बृहस्पति महाराज विराजमान होकर सभी समस्याओं को दूर करने में अहम भूमिका निभाएंगे दूसरे भाव में चंद्रमा वृषभ राशि में अपनी उच्च राशि में होंगे बुध, मंगल और शुक्र नवम भाव में अर्थात् भाग्य भाव में होंगे सूर्य महाराज दिग्बली होकर दशम भाव में होंगे और शनि महाराज सर्वाधिक उपयुक्त राशि कुंभ में सर्वाधिक उपयुक्त भाव एकादश में होंगे और राहु द्वादश भाव के होंगे.


यहां पर लग्न के स्वामी मंगल और नवम भाव के स्वामी बृहस्पति का राशि परिवर्तन भी होगा, जो धर्म का लग्न से योग बन रहा है यह एक अत्यंत शुभ योग बन रहा है इसके आधार पर कहा जा सकता है कि यह प्राण प्रतिष्ठा सभी के लिए अच्छा संदेश लेकर आ रही है.


वास्तव में जब त्रेता युग में प्रभु श्री राम रावण का वध करने के उपरांत और अपने वनवास की अवधि पूर्ण करने के उपरांत अयोध्या वापस लौटे थे तो संपूर्ण प्रजावासियों ने उनके आगमन की प्रतीक्षा में दीपक जलाकर दीप माला की थी और दिवाली मनाई थी. अब 22 जनवरी 2024 का दिन हम सभी भारतवासियों को और संपूर्ण विश्व को जीवन में पहली बार एक ही वर्ष में दो बार दिवाली मनाने का अवसर दे रहा है, जहां अभी कुछ समय पूर्व समय दीपावली मनाई गई है, अब प्रभु श्री राम लला के अपने ही मंदिर में विराजमान होने की खुशी में सब कुछ राममय हो गया है. सभी को प्रभु श्री राम के आदर्शों पर चलने का संकल्प लेकर अपने राष्ट्र, अपने समाज और स्वयं को विकसित करने के लिए प्रभु श्री राम से प्रेरणा लेनी चाहिए.


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