Hanuman Mandir: राजस्थान के जालोर के कानीवाड़ा में हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर स्थित है. इस मंदिर की महनता इतनी है कि इस मंदिर में दूर दूर से लोग हनुमान की जी के दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर के लिए कहा जाता है कि यहां 500 साल पहले हनुमान जी की मूर्ति खुद प्रकट हुए थी, यह एक ऐसी मूर्ति है, जिसमें हनुमानजी पांव जोड़कर बैठे हैं , हनुमात जी की यह मूर्ति सूर्यमुखी है , गर्भगृह में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा पर लोग सिंदूर, तेल चढ़ाते है. 


कानीवाड़ा मंदिर संगमरमर के पत्थर से बना है लेकिन इस मंदिर में छत नहीं है. जब कभी भी इस मंदिर में छत डालने की कोशिश की जाती है तो वो टूट जाती है या आंधी तूफान में  उड़ जाती है , इसीलिए जब नया मंदिर बना तो इसमें छत नहीं डाली गई. पहले ये मंदिर जंगल में था, बाद में इसे एक बड़े मंदिर का रुप दिया गया,  यहां मंदिर का निर्माण और दीवारों की ऊंचाई बढ़ाई, लेकिन साथ साथ मूर्ति की ऊंचाई भी अपने आप ही बढ़नी शुरू हो गई.


इसलिए मंदिर को चमत्कारिक हनुमान भी कहते हैं. माना जाता है इस मंदिर में लोगों की हर मुराद पूरी होती है. निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है. इस मंदिर में 13 अखंड जोत जलती हैं. इस मंदिर में लोग जो भी मनोकामना लेकर आते हैं अगर वो पूरी होती है तो वो अपनी अपनी अखंड जोत जलाते हैं.


कानीवाड़ा हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कराने वाले पूजारी दलित हैं. वो खुद को गर्गाचार्य की संतान बताते हैं, गर्गाचार्य जी यदुवंश के कुल गुरू थे, जो बड़े तपस्वी थे. वसुदेवजी की प्रेरणा से वे एक दिन नन्दबाबा के गोकुल में आये. करीब 10 पीढ़ियों से यहां यही पूजारी परिवार पूजा अर्चना करवाते हैं और लोगों को आर्शावाद भी देते हैं.


बालाजी का ये चमत्कारी मंदिर अनेकों की मनोकामनाओं को पूर्ण कर चुका है. हनुमान जी के इस मंदिर के दर्शन जो जातक करते हैं वो सदैव इस मंदिर के भक्त बन जाते हैं.


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