Guru Pradosh Vrat 2026: धार्मिक दृष्टि से इस बार नए साल 2026 की शुरुआत काफी शुभ मानी जा रही है. इसका कारण यह है कि नए साल के दिन यानी गुरुवार 1 जनवरी 2026 को गुरु प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है, वहीं गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.
महादेव और नारायण पूजा का दुर्लभ संयोग
पंचांग (1 January 2026 Panchang) के मुताबिक, साल 2026 का पहला दिन गुरुवार रहेगा. इस दिन पौष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भी रहेगी, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है. वहीं गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए सबसे शुभ दिन होता है. गुरुवार और प्रदोष व्रत का संयोग होने से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा. इस दुर्लभ संयोग में नए वर्ष पर महादेव और नारायण की पूजा की जाएगी, जिससे भक्तों को बहुत लाभ होगा.
गुरु प्रदोष व्रत की पूजा और व्रत से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है और जीवन में गुरु यानी बृहस्पति ग्रह की शुभता से ज्ञान, सुख और सौभाग्य बढ़ता है. 1 जनवरी 2026 को भगवान शिव और विष्णु की पूजा का संयोग भक्तों को सुख, समृद्धि, रोग मुक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जा रहा है.
पूजा का समय
1 जनवरी 2026 को गुरुवार के दिन सुबह के समय भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूरा कर नए साल की शुरुआत करें. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ रहेगा. भगवान को भी पीले रंग के फूल और पीले रंग का भोग लगाएं.
1 जनवरी 2026 को गुरु प्रदोष व्रत पर शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें. प्रदोष काल सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले और बाद का समय होता है. शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, भोग और भांग आदि चढ़ाएं. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और शिवजी की आरती करें.
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