Neem Karoli Baba: उत्तराखंड के कुमाऊ हिल्स में स्थित कैंची धाम एक फेमस जगह है. जहां नीम करोली बाबा को हनुमान जी महराज के अवतार के रूप में माना जाता था. बाबा के इस आश्रम में स्टीव जॉब्स, मार्क जुगरबर्ग, जुलिया रॉबर्ट, विराट कोहली और अनुष्का शर्मा जैसी शख्सियत आ चुके हैं.

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जिस वजह से इसे किस्मत बदलने वाला धान भी माना जाता है. वहीं कुछ समय पहले यहां बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेयी भी दर्शन करने पहुंचे थे. वह किसी फिल्म के प्रोजेक्ट के लिए उत्तराखंड गए थे, मगर वे सेट पर जाने की जगह, पहले कैंची धाम गए.

यहां जाने से पहले वे अपने करियर के उस पड़ाव पर थे, जहां वे इस फिल्म एंटस्ट्री को छोड़ने जा रहे थे. मगर धाम पर जाने के बाद उनका जीवन पूरा बदल गया. 

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मनोज बाजपेयी को मुझे कैंची धाम में मिला अपना जवाब 

मनोज बाजपेयी ने एक इंटरव्यू में बताया कि वे एक मुश्किल दौर से गुजर रहे थे, जहां उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. उन्होंने आगे कहा की 'मुझे यहां तक लगने लगा था की अब वो वक्त आ चुका हैं, जहां मुझे यह प्रोफेशन छोड़ना होगा'.

जुगनुमा फिल्म के पहले मैने एक साल तक कोई काम नहीं किया था और ना मुझे कोई काम दे रहा था. मगर जब मैं इसका जवाब ढूंढ रहा था, तब जुगनुमा फिल्म के डायरेक्टर राम रेड्डी ने मुझे एक शूटिंग लोकेशन पर साथ चलने को कहा, मगर यहां जाने से पहले हम नैनीताल स्थित नीम करोली बाबा के कैंची धाम गए.

जिसके बाद एक घंटा चढ़ाई करने के बाद हम दोनों गुफा तक पहुंचे और ध्यान किया. ध्यान के बाद हमें ऐसा महसूस हुआ की कुछ जादू सा हुआ है और हमें हमारा जवाब मिल चुका है. नीचे उतरते वक्त राम और मैंने एक दूसरे को देखा और बोला की हमें फिल्म मिल गई है. 

बाबा खुद बुलाते हैं धाम

कहते हैं कि कैंची धाम वही व्यक्ति पहुंच पाता है जिसे बाबा खुद बुलावा देते हैं. कई लोग बिना किसी  योजना के अचानक यहां पहुंच जाते हैं, जबकि कुछ लोग पूरा प्लान के बाद भी नहीं पहुंच पाते. भक्तों का विश्वास है कि हर व्यक्ति के लिए एक सही समय होता है और जब वह समय आता है, तो बाबा खुद उनको बुलाते हैं.

श्रद्धालु तो यह भी मानते हैं कि बाबा आज भी इस धाम में मौजूद हैं और सच्चे मन से प्रार्थना करने पर वे हमारे सभी सवालों का उत्तर भी दे देते हैं.

बाबा की अद्भुत सिद्धियां

नीम करोली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे. उन्होंने देशभर में बजरंगबली के 108 मंदिर बनवाए और वर्षों की कठोर साधना से कई सिद्धियां भी प्राप्त कीं. कई भक्तों ने उन्हें एक ही समय पर दो अलग-अलग स्थानों पर देखने का अनुभव भी साझा किया है.

बाबा हमेशा लोगों को हनुमान चालीसा का पाठ और श्रीराम नाम का जप करने को कहा करते थे. उनका मानना था कि नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकता है और धीरे-धीरे परमात्मा के मार्ग पर भी आगे बढ़ सकता है.

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