Navratri April 2021 Date In India Calendar: नवरात्रि का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का प्रथम महीना माना जाता है. चैत्र मास में नवरात्रि पड़ने के कारण इस नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि भी कहते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार चार नवरात्रि के पर्व होते हैं. जिसमें से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि को विशेष माना गया है.


नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है. मां दुर्गा शक्ति का रूप हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करती हैं. इसके साथ ही मां दुर्गा हर प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. नवरात्रि का पर्व प्रतिपदा की तिथि से नवमी की तिथि तक मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि में नवरात्रि प्रारंभ, घटस्थापना, महाष्टमी, राम नवमी, नवरात्रि व्रत पारण का विशेष महत्व है.


चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना
चैत्र नवरात्रि के पर्व का आरंभ पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल मंगलवार से होने जा रहा है. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. इसी दिन कलश स्थापना या घट स्थापना की जाएगी. प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.


मां ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि पर्व के दूसरा दिन 14 अप्रैल बुधवार को मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी.


मां चंद्रघंटा पूजा
नवरात्रि के तीसरे दिन यानि 15 अप्रैल गुरुवार मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी.


मां कुष्मांडा पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन 16 अप्रैल शुक्रवार को कुष्मांडा देवी की पूजा की जाएगी.


मां स्कन्दमाता पूजा
17 अप्रैल को नवरात्रि का पांचवा दिन है. इस दिन पंचम की तिथि है. पंचमी की तिथि में मां स्कन्दमाता की पूजा की जाएगी.


मां कात्यायनी पूजा
नवरात्रि के छठे दिन यानि 18 अप्रैल रविवार को मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.


मां कालरात्रि पूजा
19 अप्रैल सोमवार को पंचांग के अनुसार सप्तमी की तिथि है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी.


मां महागौरी पूजा
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 20 अप्रैल को है. इस दिन मां महागौरी स्वरुप की पूजा की जाएगी.


राम नवमी
चैत्र नवरात्रि की नवमी 21 अप्रैल बुधवार को है. इस नवमी की तिथि को राम नवमी भी कहते हैं. इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. इस दिन भगवान राम की पूजा की जाती है.


चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण
चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 22 अप्रैल गुरुवार को किया जाएगा. इस दिन विधि पूर्वक व्रत का पारण करना चाहिए.


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