Narsingh Jayanti 2021: नरसिंह जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व है. यह पावन पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल नरसिंह जयंती का पावन पर्व 25 मई दिन मंगलवार को पड़ रहा है. जबकि पिछली साल नरसिंह जयंती का पर्व 6 मई को पड़ा था. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लेकर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी. यह भगवान विष्णु का चौथा अवतार था. इस दिन भगवान नरसिंह की कृपा पाने केलिए बीज मंत्र का जप करते हैं.


धार्मिक मान्यता है कि नरसिंह जयंती के दिन बीज मंत्र का जप करने से शत्रुओं का नाश होता है. भक्तों को कोर्ट-कचहरी और मुकदमे आदि में विजय प्राप्त हो जाती है. भक्त में पराक्रम की वृद्धि होती है. आत्मविश्वास बढ़ता है. नरसिंह के बीज मंत्र के जप से तंत्र, मंत्र, बाधा, भूत, पिशाच, भय, अकाल मृत्यु आदि का भय समाप्त हो जाता है. असाध्य रोगों से छुटकारा मिलती है. जीवन में सुख, शांति और आनंद की प्राप्ति होती है.



भगवान नरसिंह के बीज मंत्र का ऐसे करें जप


भगवान नृसिंह का बीज मंत्र: 'श्रौं'/ क्ष्रौं (नृसिंहबीज)


मंत्र जाप विधि: बीज मंत्र जप करने के लिए साधक को लाल रंग की चटाई / आसन पर दक्षिण दिशा की ओर अपना मुख करके बैठ जाएं. लाल चंदन या मूंगे की माला से कम से कम एक हजार मंत्र - 'श्रौं'/ क्ष्रौं (नृसिंहबीज) का जाप करें. इससे आपके शत्रुओं का नाश होगा और वे पराजित होंगें.


संकटमोचन नृसिंह मंत्र:


ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम् |


अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम् ||


मंत्र जाप विधि: उपरोक्त की भांति आसन लगाकर बैठ जाएं. सामने नरसिंह भगवान की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें ध्यान करते हुए माला लेकर संबंधित मंत्र का जाप करें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से आपके सभी प्रकार के संकट दूर हो जायेंगे.


नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त



  • नरसिंह जयंती पूजा का समय- 25 मई को दोपहर बाद 4 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक

  • पूजा की अवधि- 2 घंटे 45 मिनट