Mokshada Ekadashi 2024: श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का दिन सबसे अच्छा माना जाता है. इस दिन लोग व्रत, सत्यनारायण कथा आदि धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. कहते हैं जो एकादशी का व्रत करता है उसे यमराज की यातनाएं नहीं सेहनी पड़ती. इस साल मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024 को है.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास जी कहते हैं व्यक्ति के जीवन मूल उद्देश्य है मोक्ष पाना, मोक्ष की प्राप्ति के लिए मार्गशीर्ष माह की मोक्षदा एकादशी व्रत अचूक है. इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, आइए जानते हैं दोनों पर्व का महत्व और गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी व्रत क्यों किया जाता है?

गीता जयंती पर मोक्षदा एकादशी

  • मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को आती है. इस साल मोक्षदा एकादशी
  • इस दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन कहा जाता है.
  • मोक्षदा एकादशी पर ही भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से गीता का जन्म हुआ था. भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, जिसमें सांसारिक मोह से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का रास्ता बताया था.
  • कहते हैं इस दिन जो व्रत कर गीता का पाठ करता है उसके लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.
  • जब कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे, तब पूरा संसार ज्ञानमय हो गया था.

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा

गोकुल नगर में वैखानस नाम के राजा ने सपना देखा कि उसके पिता नरक में हैं. तब राजा विचलित हुआ. उसने विद्वान-योगी पर्वत मुनि को ये हाल सुनाया कि उसके पिता नरक से मुक्ति दिलाने की बात सपने में कह रहे हैं. मुनि ने बताया कि उनसे पूर्व जन्म में पाप हुआ था जिससे उन्हें नरक में जाना पड़ा.

उन्होंने राजा को मार्गशीर्ष एकादशी के व्रत का संकल्प लेकर व्रत करके उसका पुण्य पिता को देने के लिए कहा. जिससे उनके पिता की मुक्ति होगी. राजा ने परिवार सहित एकादशी का व्रत किया और उसका पुण्य पिता को अर्पण किया.

इससे उसके पिता को मुक्ति मिल गई और स्वर्ग जाते हुए पुत्र से बोले तेरा कल्याण हो. यह कहकर स्वर्ग चले गए. इसलिए मान्यता है कि इस व्रत से पूर्वजों को मुक्ति और स्वर्ग मिलता है.

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