Mohini Ekadashi 2024 Vrat: हिंदू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि का खास महत्व होता है. इस दिन भक्त व्रत रखकर श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु (Vishnu ji) का पूजन करते हैं. ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कष्ट दूर हो जाते हैं.


वैसे तो हर महीने दो एकादशी तिथि पड़ती है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बता दें कि आज रविवार 19 मई 2024 को वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है, जिसे मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) कहा जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने स्त्री रूप धारण किया था. उनके इस रूप को मोहिनी अवतार (Mohini Avatar) कहा जाता है.


व्रत-उपवास के प्रकार (Types of Fast)


एकादशी व्रत के कई नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. इन्हीं में एक है व्रत रखने से जुड़े नियम. हिंदू धर्म में व्रत रखने के कई नियम हैं. कुछ व्रतों के दौरान सेंधा नमक युक्त भोजन खाने की अनुमति होती हैं, कुछ निराहार, कुछ व्रत आंशिक होते हैं, कुछ फलाहार-जलाहार को कुछ व्रत निर्जला रखे जाते हैं.


शास्त्रों में उपवास के प्रकार कुछ इस तरह से बताए गए हैं जैसे- प्रात: उपवास, अधोपवास, एकाहारोपवास, रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, तक्र उपवास, पूर्णोपवास, लघु उपवास, कठोर उपवास, टूटे उपवास और दीर्घ उपवास आदि.


एकादशी व्रत के नियम (Ekadashi Vrat Rules)


वैसे तो एकादशी का व्रत निर्जला रखा जाता है. लेकिन यदि आप किसी कारण निर्जला व्रत रखने में समर्थ नहीं है तो फलाहार भी किया जा सकता है. वहीं सेहत संबंधी जटिलताएं होने पर भी आप मोहिनी एकादशी पर आंशिक उपवास कर सकते हैं. यानी आप फल, सब्जियां, दूध उत्पाद आदि खा सकते हैं. लेकिन सभी प्रकार के अनाज और विशेषकर चावल खाने की अनुमति एकादशी के दिन किसी को भी नहीं है. इसके साथ ही इस दिन बैंगन और लहसुन-प्याज का भी सेवन न करें.


बता दें कि, ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का व्रत निर्जला रखा जाता है, इसे निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2024) कहा जाता है, जोकि इस बार 18 जून 2024 को रखा जाएगा. इस दिन व्रतधारी को अन्न-जल ग्रहण करने की अनुमति नहीं होती. सीधे अगले दिन यानी द्वादशी को पारण किया जाता है. इसलिए निर्जला एकादशी में आहार संयम का महत्व है.


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