= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या के दिन क्यों रहते हैं मौन? मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करते हुए जप-तप के कार्य किए जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार मन के देवता चंद्र देव हैं. अमावस्या के दिन चंद्रमा के दर्शन ना होने की वजह से मन की स्थिति बिगड़ने लगती है. इसलिए इस दिन मौन रहकर कमजोर मन को संयमित करने का विधान है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन व्रत रखकर मन ही मन ईश्वर का जाप और दान करना चाहिए. इस दिन ऋषियों की तरह चुप रहने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन किसी को भी कटु शब्द कहने से भी बचना चाहिए. मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा करने से मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं. जो व्यक्ति मौन रखकर इस व्रत को पूरा करता है तो उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर पितरों को करें प्रसन्न पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी मौनी अमावस्या का दिन बहुत खास माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने की परंपरा है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन किए गए तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वो तृप्त हो जाते हैं. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी के तट पर जल में तिल मिलाकर विधिवत रूप में पितरों को तर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की कृपा बनी रहती है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर नहीं करने चाहिए ये काम मौनी अमावस्या के दिन किसी भी तरह के अशुभ कार्यों से दूर रहना चाहिए. आज की रात किसी भी सुनसान जगह या श्मशान के आसपास नहीं जाना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां बहुत हावी रहती हैं. मौनी अमावस्या की सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए. इस दिन घर में लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए. माना जाता है कि इस दिन घर में अशांति रहने से पितरों की कृपा प्राप्त नहीं होती है. इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या की पौराणिक मान्यता आज के दिन किसी पवित्र नदी में मौन धारण करते हुए डुबकी लगाने का विशेष आध्यात्मिक महत्व माना जाता है. इस दिन तमाम तीर्थों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पावन डुबकी लगाते हैं. आज के दिन मौन रहते हुए अमृत रूपी जल से स्नान करने से सारी साधना-मनोकामना पूर्ण होती है. मौनी अमावस्या पर मौन व्रत को लेकर मान्यता है कि जितना पुण्य होठों से प्रभु के नाम का जाप करने पर प्राप्त होता है, उससे कई गुणा ज्यादा पुण्य मन में हरी नाम का जाप करने से मिलता है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का महत्व मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है. आज के दिन शुभ मुहूर्त में किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने वालों को पाप से मुक्ति के साथ-साथ सभी दोषों से भी छुटकारा मिलता है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या के दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्म आज के दिन प्रातःकाल स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें. अगर संभव ना हो ता नहाने के पानी में थोड़ा से गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. आज के दिन गरीब और भूखे व्यक्ति को भोजन कराना चाहिए. आज के दिन दान का भी विशेष महत्व होता है. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गाय के लिए भोजन का दान करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण जरुर करें. इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या आज, जानें स्नान का शुभ मुहूर्त आज मौनी अमावस्या मनाई जा रही है. इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान और दान का विशेष महत्व है. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. आज स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 08.34 मिनट से लेकर सुबह 09.53 मिनट तक है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
रात में कर लें ये उपाय, लक्ष्मी जी का मिलेगा आशीर्वाद माघ की अमावस्या शनिवार को पड़ रही है, इस दिन लौंक का दान करने से राहु दोष समाप्त होता है और घर परिवार में सुख का आगमन होता है. इसके साथ ही मौनी अमावस्या वाली रात्रि को 5 लाल गुलाब और 5 जलते हुए दीये नदी या सरोवर में छोड़े इस उपाय से मां लक्ष्मी साधक पर मेहरबान रहती हैं.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर शनिवार को बने हैं चार राजयोग माघ अमावस्या 21 जनवरी 2023 शनिवार को है. इसे मौनी अमावस्या, माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. शनिवार होने से ये साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या होगी. मौनी अमावस्या पर शनिवार का दिन और चार राजयोग बनने से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि.
मौनी अमावस्या 2023 मुहूर्त
माघ अमावस्या तिथि शुरू - 21 जनवरी 2023, सुबह 06.17
माघ अमावस्या तिथि समाप्त - 22 जनवरी 2023, सुबह 02.22
स्नान मुहूर्त - सुबह 08.34 - सुबह 09.53 (21 जनवरी 2023)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05.30 - 0.623
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:17 - दोपहर 01:00
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर स्नान मंत्र (Mauni Amavasya Snan Mantra) स्नान के वक्त ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः इस खास मंत्र का जाप करें. मान्यता है इससे व्यक्ति स्वर्ग में स्नान प्राप्त करता है. ये मंत्र हर कार्य में सफलता प्रदान करता है. शनिश्चरी अमावस्या के संयोग में गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता है.
अमावस्या स्नान मंत्र - गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर करें ये 3 काम (Mauni Amavasya Upay)
- मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान के बाद सूर्यदेव को गंगाजल में तिल मिलाकर अर्घ्य दें. जल चढ़ाकर तीन पर उसी स्थान पर परिक्रमा लगाएं. फिर मौन व्रत का संकल्प लें.
- मौनी अमावस्या पर मौन रहकर भगवान विष्णु की काले तिल से पूजा करें. शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं. इस दिन मौन रहकर पितरों का तर्पण करना चाहिए. बाद में ब्राह्मण भोजन कराएं. मान्यता है इससे धन, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है.
- मौनी अमावस्या पर दान करने से व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं. मृत्यु के बाद उसे बैकुंठ धाम प्राप्त होता है. इस दिन काला तिल, अन्न, वस्त्र, सरसों का तेल, लोहा, जरुरतमंद को दान करें.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
शनि अमावस्या पर करें ये उपाय
- शनि मंदिर में जाकर शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और नियमित रूप से 11 छाया दान करें.
- शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करें.
- शनि से जुड़ी चीजों का दान करें.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या के दिन क्यों है गंगा स्नान का महत्व पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है. इस दिन गंगाजल में देवताओं का वास होता है. इसलिए इस दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Date) मौनी अमावस्या तिथि का आरंभ 21 जनवरी शनिवार सुबह 6:17 से प्रारंभ होकर 22 जनवरी तड़के 2:22 तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार मौनी शनिश्चरी अमावस्या है. इसलिए इसे 21 जनवरी को मनाई जाएगी. इस मौके पर शनि, सूर्य और शुक्र की युति से खप्पर योग का निर्माण होगा.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
कब होती है मौनी अमावस्या? माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी या माघ अमावस्या कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए. मौनी अमावस्या कल यानी 21 जनवरी को मनाई जाएगी.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
शनिअमावस्या क्यों है विशेष धार्मिक ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देती है. इस तिथि पर तीर्थ स्नान और दान का कई गुना पुण्य फल मिलता है. अमावस्या शनि देव की जन्म तिथि भी है. इसलिए इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष खत्म होते हैं. इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए व्रत रखना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए. ये शनिअमावस्या खास इसलिए है क्योंकि शनि अपनी ही राशि यानी कुंभ में संचरण कर रहें हैं.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
शनि और मौनी अमावस्या पितरों के तर्पण के लिए सर्वोत्तम दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि और मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना बहुत पुण्यकारी होता है. इसे श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग माना गया है. मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है. शनि अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने की भी परंपरा है. इस दिन किए गए तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इससे उन्हें सभी पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
साल की पहली शनि अमावस्या पर बन रहा बेहद शुभ संयोग साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या कल 21 जनवरी को है. पंचांग और ज्योतिषीय गणना के अनुसार 21 जनवरी 2023, को शनि अमावस्या पर खप्पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्टक योग व समसप्तक योग बन रहें हैं. ऐसे में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे शुभ संयोग में शनि पूजा करने से सभी दोषों से छुटकारा मिलेगा.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
माघ अमावस्या व्रत के क्या नियम हैं? मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इस दिन व्रत का संकल्प लेने के बाद मौन रहने का प्रयास करना चाहिए.
इस दिन भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं. माघी अमावस्या के दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करना चाहिए. मान्यताओं के मुताबिक माघ अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
मौनी अमावस्या पर पूजन की विधि मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या का व्रत करने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है. मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन प्रयागराज में जाकर गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन हर व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
= liveblogState.currentOffset ? 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow hidden' : 'uk-card uk-card-default uk-card-body uk-padding-small _box_shadow'">
इस बार मौनी अमावस्या पर बन रहे हैं बहुत ही शुभ योग, आप भी नोट कर लें मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों की शुभ स्थिति होने से हर्षण, भारती, सत्कीर्ति और वरिष्ठ नाम के दुर्लभ राजयोग बन रहे हैं.
हर्षण योग - 20 जनवरी 06.58 - 21 जनवरी 02.35 मिनट तक रहेगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.30 - सुबह 07.14