Mauni Amavasya 2023, Shani Amavasya: माघ अमावस्या 21 जनवरी 2023 शनिवार को है. इसे मौनी अमावस्या, माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. शनिवार होने से ये साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या होगी. मौनी अमावस्या पर शनिवार का दिन और चार राजयोग बनने से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि.


मौनी अमावस्या 2023 मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Muhurat)


माघ अमावस्या तिथि शुरू -  21 जनवरी 2023, सुबह 06.17


माघ अमावस्या तिथि समाप्त - 22 जनवरी 2023, सुबह 02.22


स्नान मुहूर्त - सुबह 08.34 - सुबह 09.53 (21 जनवरी 2023)



  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05.30 - 0.623

  • अभिजित मुहूर्त  - दोपहर 12:17 - दोपहर 01:00


मौनी अमावस्या 2023 शुभ योग (Mauni Amavasya 2023 Shubh Yoga)



  • शनिवार को मौनी अमावस्या - 20 साल बाद मौनी अमावस्या पर शनि अमावस्या का संयोग बना है. इससे पहले ऐसा संयोग 1 फरवरी 2003 को बना था. शनि से जुड़ी चीजों का दान से कष्ट से मुक्ति मिलेगी

  • कुंभ राशि में शनि देव - 30 साल बाद मौनी शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे. इस दिन शनि देव की सरसों के तेल, काले तिल से उपासना करने पर साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी.

  • चार राजयोग - मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों की शुभ स्थिति होने से हर्षण, भारती, सत्कीर्ति और वरिष्ठ नाम के दुर्लभ राजयोग बन रहे हैं. हर्षण योग - 20 जनवरी 06.58 - 21 जनवरी 02.35 मिनट तक रहेगा.

  • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.30 -  सुबह 07.14


मौनी अमावस्या पूजा विधि (Mauni Amavasya Puja Vidhi)



  • मौनी अमावस्या के दिन प्रात: काल पानी में गंगाजल और तिल डालकर स्नान करें. लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को जल में काला तिल, लाल फूल डालकर अर्घ्य दें.

  • मौन व्रत का संकल्प लें. पूरे दिन ऐसा करना संभव न हो तो सवा घंटे का मौन व्रत जरूर रखना चाहिए. इस अवधि में श्राद्ध कर्म, दान, पूजा आदि करें.

  • पितरों के निमित्त तर्पण के लिए सफेद रंग के वस्त्र पहनें और नदी किनारे अपना मुख दक्षिण दिशा की तरफ करके कुश के आसन पर बैठें. हाथ में काले तिल, कच्चा दूध और कुश लेकर अंगूठे और तर्जनी के मध्य भाग से तर्पण दें. इस दौरान ये मंत्र बोलें- ॐ आगच्छन्तु में पितर इमम ग्रहन्तु जलान्जलिम

  • संभव हो तो पीले वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु की गंगाजल और तिल से अभिषेक करें. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करते हुए विधिवत श्रीहरि की रोली, मौली, हल्दी, धूप, दीप, फल, मिठाई से पूजा करें.

  • मौनी अमावस्या पर शनिश्चरी अमावस्या का संयोग है, ऐसे में शनि मंदिर में शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल और काला तिल अर्पित करें. तेल का दीपक लगाकर शनि स्तुति करें. ये काम सिर्फ पुरुष करें. महिलाएं शनि चालीसा का पाठ करें.

  • अमावस्या पर पीपल के पेड़ को जल में चीनी और थोड़ा दूध डालकर सीचें. अगर संभव हो तो पीपल का एक पौधा लगाएं और इसकी देखभाल का संकल्प लें. इससे पितृ और शनि दोष खत्म होता है

  • ब्राह्मणों को सात्विक भोजन कराएं. जरूरमंद लोगों को तिल, ऊनी कपड़े और जूते-चप्पल, तेल, का दान करना चाहिए. इस दिन गाय का दान करना उत्तम फलदायी होता है.

  • शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल दीपक लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. ये कष्ट निवारण उपाय है.

  • अमावस्या की मध्यरात्रि कपूर में लौंग डालकर जलाएं और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. अमावस्या की रात मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का शुभ समय होता है.


मौनी अमावस्या मंत्र (Mauni Amavasya Mantra)



  • स्नान मंत्र - गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।।

  • पितृ तर्पण मंत्र - ॐ पितृ दैवतायै नम:

  • विष्णु जी पूजा मंत्र - ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

  • शनि देव पूजा मंत्र - ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।

  • पीपल पूजा मंत्र - आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।


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