Masik Shivratri 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष में फाल्गुन शिवरात्रि महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है, लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. इस दिन व्रत, पूजन के साथ शिव का अभिषेक बहुत शुभ रहता है. इस बार यह दिवाली के ठीक एक दिन पहले तीन नवंबर को पड़ रही है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रत्येक शिवरात्रि पर व्रत और पूजन करने से व्यक्ति को समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव की कृपा बरसती है.
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्तकार्तिक शिवरात्रि का व्रत 03 नवंबर 2021 दिन बुधवार को होगा.कार्तिक चतुर्दशी तिथि आरंभ- तीन नवंबर 2021 दिन प्रातः 11.32 बजे सेकार्तिक चतुर्दशी तिथि समाप्त - चार नवंबर 2021 दिन 08.33 बजे निशीथ पूजा समय : रात 11.38 बजे से अर्ध्य रात्रि 12.30 बजे.
पूजा के लिए जरूरी सामान मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान अनिवार्य है. पूजा में बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र जरूर हो. इस दिन व्रत रखने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ करना चाहिए. पूजा का समापन शिव आरती के साथ करनी चाहिए.
सकारात्मक ऊर्जा के साथ बढ़ती है सुख-समृद्धि शिवरात्रि शिवजी की प्रिय तिथि है, इस दिन विधि-विधान से पूजन, व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट दूर कर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शिवरात्रि व्रत पूजन से सुख-समृद्धि आती है व सकारात्मकता का संचार होता है।
रूद्राभिषेक शुभफलदायीसमस्याओं से मुक्ति के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभफलदायी माना जाता है. इस दिन शिव मंत्रों का जाप करना भी बेहद लाभप्रद रहता है.
पूजा की विधि- चतुर्दशी की सुबह उठकर स्नान आदि के बाद मंदिर में दीप जलाएं और व्रत का संकल्प लें.- किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए.- शिवलिंग पर चंदन, बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि अर्पित करें.- शिव के साथ माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी का भी पूजन करें.- इस दिन शिव मंत्रों का जाप और शिव चालीसा का पाठ शुभफलदायी है.
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