Margashirsha 2023: मार्गशीर्ष महीना हिंदू कैलेंडर का नौंवा महीना होता है. आमतौर पर यह नवंबर-दिसंबर में पड़ता है. मार्गशीर्ष मास को अगहन का महीना भी कहा जाता है. इस साल मार्गशीर्ष मास 28 नवंबर से 26 दिसंबर 2023 तक है.


मार्गशीर्ष मास में कई देवी-देवताओं की पूजा का महत्व है. लेकिन खासतौर पर यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है. शास्त्रों में तो मार्गशीर्ष महीने को श्रीकृष्ण का महीना कहा गया है.


मान्यता है कि, इस माह किए पूजा-पाठ से श्रीकृष्ण की कृपा बरसती है. इसलिए इस महीने नियमित रूप से फूल, फल, नैवेद्य, धूप-दीप और माखन-मिश्री आदि अर्पित कर श्रीकृष्ण की पूजा करें. श्रीकृष्ण के साथ ही इस महीने अन्य देवी-देवताओं की पूजा से भी सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं अगहन या मार्गशीर्ष महीना इन देवी-देवताओं की पूजा के लिए है महत्वपूर्ण.



  • श्रीकृष्ण (Shri Krishna): मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्रीकृष्ण के केशव रूप की अराधना करनी चाहिए. ऐसा करने के पुण्य की प्राप्ति होती है. भगवान कृष्ण के इस रूप को प्रसन्न करने के लिए आप दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें.

  • सूर्य देव (Surya Dev): अग्नि पुराण के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने में सूर्य देव के वरुण नाम से पूजन करना चाहिए. इस महीने प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य दें. इससे मनोकामना पूरी होती है और घर पर सुख समृद्धि बनी रहती है. साथ ही रोग-दोष भी दूर होते हैं.

  • लक्ष्मी जी (Lakshmi Ji): मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाले प्रत्येक शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें. मान्यता है कि, मार्गशीर्ष महीने में लक्ष्मी जी धरती पर आती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. इसलिए इस महीने मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने से धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

  • तुलसी (Tulsi): मार्गशीर्ष माह में सुबह उठकर स्नानादि के बाद तुलसी जी में जल चढ़ाएं. इसके बाद पूजा करें और संध्या बेला में घी का दीपक जलाएं. इससे घर पर सुख-शांति बनी रहती है और मां लक्ष्मी का वास होता है.


मार्गशीर्ष माह में जरूर करें ये काम



  • मार्गशीर्ष मास में शंख पूजा का भी महत्व है. शंख में शुद्ध जल या गंगाजल भरकर इसे भगवान के चारों ओर घुमाएं. पूजा समाप्त होने के बाद पूरे घर पर शंख के जल का छिड़काव करें. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी.

  • मार्गशीर्ष महीने में घर पर भगवत गीता का पाठ जरूर करें. इससे पाप कर्मों का नाश होता है.

  • मार्गशीर्ष महीने में अधिक से अधिक समय भगवान की उपासना करें. आप ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.

  • मार्गशीर्ष महीने में भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें तुलसी के पत्ते अर्पित करें.

  • मार्गशीर्ष महीने में यमुना नदी में स्नान का महत्व है. यदि यमुना नदी में स्नान संभव न हो तो किसी भी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर भगवान का स्मरण करें.


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