Mangalwar ke Niyam: मंगलवार का दिन हनुमानजी और मंगल ग्रह से संबंधित है. हिंदू धर्म में मंगलवार के दिन को लेकर कई मान्यताएं, परंपराएं और नियम है, जिसका पालन ऋषि-मुनि भी सदियों से करते आ रहे हैं. सभी हिंदू घरों में आज भी इन नियमों का पालन किया जाता है.


हिंदू धर्म में कोई भी कार्य करने से पहले शुभ-अशुभ दिन जरूर देखे जाते हैं. इसी क्रम में बात करें मंगलवार के दिन की तो, मंगलवार के दिन पूजा-पाठ करना, व्रत रखना आदि जैसे कामों को शुभ माना जाता है. लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिसे मंगलवार को करना वर्जित होता है.



क्या मंगलवार के बाल-नाखून काट सकते हैं


मंगलवार के दिन बाल-नाखून काटने की विशेष मनाही होती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि, मंगलवार के दिन बाल या नाखून काटने से भगवान हनुमान नाराज हो जाते हैं. वहीं जिस घर में मंगलवार के दिन बाल-नाखून काटे जाते हैं वहां की सुख-शांति भी चली जाती है और लगातार धन हानि का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा भी मंगलवार के दिन बाल या नाखून काटने के कई नुकसान हैं, जोकि इस प्रकार है-


मंगलवार के दिन नाखून और बाल काटने से धन हानि के साथ ही व्यक्ति को रक्त संबंधी रोग होते हैं. इसका कारण यह है कि, ज्‍योतिष में किसी चीज का संबंध ग्रहों से जोड़कर भी देखा जाता है. मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का होता है और मंगल का संबंध रक्त से बताया गया है. इसलिए अगर आप मंगलवार के दिन इन कार्यों को करते हैं तो इसका तन, मन और धन तीनों पर प्रभाव पड़ता है.


क्‍या महिलाएं रख सकती है मंगलवार का व्रत


हनुमान जी की पूजा और मंगलवार व्रत करने को लेकर अक्सर यह सवाल आता है कि, क्या महिलाएं भी मंगलवार का व्रत रख सकती हैं और हनुमान जी की पूजा कर सकती है. शास्त्रों में बताया गया है कि, महिलाएं भी मंगलवार का व्रत रख सकती है और हनुमान जी की पूजा भी कर सकती है. लेकिन महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंगलवार का व्रत नहीं रखना चाहिए. लेकिन अन्य दिनों में जब वे शुद्ध होती हैं, तब मंगलवार का व्रत रख सकती हैं.  


धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, महिलाओं को हनुमानजी की पूजा करते समय उन्हें स्पर्श नहीं करना चाहिए, ना ही हनुमानजी को स्‍नान करना चाहिए. साथ ही महिलाओं को भगवान को चोला भी नहीं चढ़ाना चाहिए और पैर भी नहीं छूना चाहिए. इसका कारण यह है कि हनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी थे.


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