First Lunar Eclipse of the Year 2021: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल यानी 2021 का पहला चंद्रग्रहण वैशाख पूर्णिमा को लगेगा. यह वैशाख पूर्णिमा 26 मई 2021 को पड़ेगा. इस बार यह चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है. इसी दिन यानी वैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इस लिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं.


ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, चंद्र ग्रहण का विभिन्न लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके बुरे प्रभाव से बचने के लिए अनेक तरह के उपाय किये जाते हैं. आइए जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा को लगने वाले उपछाया चंद्र ग्रहण की अशुभता से बचने के लिए क्या करना चाहिए.


चंद्रग्रहण के कुप्रभाव से बचने के उपाय: चूंकि यह ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होता है. यह चंद्र ग्रहण दिन में लग रहा है इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इन कारणों के चलते इस चंद्रग्रहण का कुप्रभाव भारत में नहीं पडेगा. फिर भी लोगों को चाहिए कि वे ग्रहण काल में घर से बाहर न निकलें. इस समय कोई शुभ कार्य न किये जाएं. इस दौरान किये गए शुभ कार्य में सफलता नहीं मिलती. इस दौरान किसी प्रकार का कोई भोजन या अन्य कोई खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए.



चंद्र ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद पवित्र नदी या स्नान करने वाले जल में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद जरूरत मंद लोगों को यथा संभव खाद्य पदार्थों का दान देना चाहिए. चूंकि इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है. इस लिए जो लोग बुद्धि पूर्णिमा का व्रत रखते हैं उन्हें सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प कर लेना चाहिए.


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा मन का स्वामी होता है. पूर्णिमा का प्रभाव हर मन पर पड़ता है. .इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. तथा कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है. ऐसा करने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है. सेहत ख़राब लोगों को चंद्रमा की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इससे इनकी सेहत में जल्दी सुधर होगा.



चंद्रग्रहण से जुड़े तथ्य  



  • दिनांक : 26 मई, 2021

  • चंद्रग्रहण लगने का प्रारंभिक समय: 14:17 से शुरू होगा

  • चंद्रग्रहण के समापन का समय: 19:19 पर समाप्त होगा

  • प्रकार : कुल चंद्र ग्रहण

  • दृश्यता : भारत, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका