Rahu And Ketu: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु- केतु पाप ग्रह हैं. किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब ये अशुभ होते हैं तो एक नहीं अनेकों परेशानियां एक साथ देने लगते हैं. जब राहु और केतु अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को हर काम में बाधा आने लगती है. धनहानि होती है. शत्रु सक्रिय हो जाते हैं. फैसले लेने में दिक्कत आती है. दांपत्य जीवन को भी प्रभावित करते हैं यहां तक कि करियर, व्यापार और पारिवारिक समस्याएं भी खड़ी करते हैं. इसलिए इन ग्रहों की अशुभता को दूर करना समय रहते बहुत जरूरी हो जाता है.


5 जून के बाद से राहु- केतु की स्थिति मजबूत दिखाई दे रहा है. 5 जून को साल का दूसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई दिया था. ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक कथाओं के अनुसार ग्रहण के पीछे राहु- केतु की बड़ी भूमिका होती है. क्योंकि इनकी सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता है. जो समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. इस माह में दो ग्रहण लग चुके हैं. एक माह में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं. 21 जून का सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगा था. वहीं आगामी 5 जुलाई को एक बार फिर चंद्र ग्रहण की स्थिति बन रही है. ये ग्रहण धनु राशि में लगने जा रहा है.


राहु मिथुन राशि में
इस समय राहु मिथुन राशि में गोचर कर रहा है. इसलिए यह समय मिथुन राशि वालों के लिए कष्टकारी है. मिथुन राशि में राहु 30 सितंबर 2020 तक रहेंगे. इसके बाद राहु वृषभ राशि में आ जाएगा.


केतु धनु राशि में
केतु इस समय धनु राशि में है. केतु भी धनु राशि में 30 सितंबर तक रहेंगे. धनु राशि के जातकों को केतु धनहानि, कलह और तनाव की स्थिति दे सकता है. इसलिए इसकी अशुभता से बचने का प्रयास करना चाहिए.


राहु की अशुभता को दूर करने का उपाय
राहु ग्रह को शांत करने के लिए राहु का बीज मंत्र बेहद असरकारी माना गया है. प्रतिदिन पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें-
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
इसके अतिरिक्त घर में राहु यंत्र की स्थापना करें. इससे आने वाला बाधाओं से निजात मिलेगी. शनिवार का व्रत रखें. दरिद्रनारायण की सेवा करें. किसी कमजोर को न सताएं. कुष्ट रोगी की सहायता करें. ऐसा करने से आराम मिलेगा.


केतु की शांति का उपाय
केतु का बीज मंत्र का पाठ करें-
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
ये मंत्र कई तरह की दिक्कतों को दूर करेगा. मानसिक शांति मिलेगी. अनावश्यक भय से भी मुक्ति मिलेगी. तिल और भूरे रंग की वस्तुओं का दान करें. कंबल का दान करें. मंगलवार और शनिवार का व्रत रखें. कुत्ते को भोजन दें. बुराई न करें, बुरे लोगों से दूर रहें. नशा न करें.


Lunar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण के बाद अब 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण की बारी, जानें क्यों है खास