Janmashtami 2025 Puja Samagri: मुरलीमनोहर बाल गोपाल का जन्मोत्सव 15 और 16 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा. जन्माष्टमी पर कान्हा जी की पूजा रात्रि 12 बजे करने का विधान है लेकिन सूर्योदय से रात्रि तक पूजन, अनुष्ठान किए जाते हैं. जन्माष्टमी की पूजा में कुछ खास सामग्री जरुर शामिल करना चाहिए, इसके बिना कान्हा की पूजा अधूरी मानी जाती है.

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जन्माष्टमी पर कृष्ण की प्रिय चीजों में कुछ को अर्पित करके भी उनकी कृपा पा सकते हैं. आइए कान्हा की पूजा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जानते हैं.

जन्माष्टमी पूजा में शामिल करें ये सामग्री

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सजावट के लिए - अगर आप घर पर बाल गोपाल की झांकी सजा रहे हैं तो इसके लिए सजावट में छोटे-छोटे पौधे, माखन, मटकी, रंगोली, फूलों की माला, मोरपंख, झूला, मुरली, कन्हैया की छोटी-छोटी गाय आदि सामान शामिल करें

श्रृंगार के लिए - कान्हा के श्रृंगार के लिए उनके आभूषण (कंगन, पायल, कमरबंद, कुंडल, वैजयंती माला, फूलों की माला पहनाएं) वस्त्र, मुकुट, बांसुरी, मोरपंख शामिल करें.

भोग सामग्री - माखन मिश्री, पंजीरी, पंचामृत, खीर, केला, ककड़ी, फल और अपनी क्षमता अनुसार मिठाई खामिल कर सकते हैं.

पूजा सामग्री - कान्हा जी की मूर्ति, कुमकुम, हल्दी, गोपी चंदन, अक्षत, कपूर, लौंग, इलायची, धूपबत्ती, कलश, पान, सुपारी, गंगाजला, सिक्का, लाल कपड़ा, नारियल, केसर, तुलसी दल, दूध, दही, शहद आदि.

जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त - 16 अगस्त की रात को कान्हा के जन्म का उत्सव मनाते हुए देर रात 12:05 से 12:47 बजे के बीच पूजा कर सकेंगे.

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