Shiva Linga Puja: सावन मास में भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग की भी पूजा की जाती है. सावन में इनका पूजन विशेष फलदायी होता है. हिंदू धर्म शास्त्रों में शिवलिंग के विविध स्वरूपों का वर्णन मिलता है. इनके विभिन्न रूपों के पूजन से अलग –अलग लाभ भी मिलता है. आइये जानें इनके विविध स्वरूप वे उनके पूजन से लाभ.

  


शिवलिंग के विविध स्वरूप वे उनके फल


पारद शिवलिंग: पारा और चांदी से बने शिवलिंग को पारद शिवलिंग कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि सावन मास में पारद शिवलिंग की पूजा करने से धन- दौलत व संपत्ति के प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है. कहा जाता है कि पारद शिवलिंग को दुकान या व्यापार स्थल पर रखने से व्यापार में वृद्धि होती है. इससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.


जौं और चावल के शिवलिंग: सावन मास में जौ और चावल से बने शिवलिंग की पूजा करने से शिव भक्त को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. इस लिए जिन दम्पत्तियों को संतान न हों, वे जौ और चावल से बने शिवलिंग का विधि- विधान से पूजा करें. मान्यता है कि ऐसा करने से शिव की कृपा होती और दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है.


पत्थर के शिवलिंग: अक्सर विभिन्न शिवालयों में पत्थर के शिवलिंग की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि पत्थर के शिवलिंग की नियमित पूजन करने व जलाभिषेक करने से भक्त की सभी मनोकामना पूरी होती है और सिद्धियों की प्राप्ति होती है.



रत्न के शिवलिंग: रत्ननिर्मित शिवलिंग की पूजा करने से घर में सुख-शांति और धन-वैभव की वृद्धि होती है.


पार्थिव शिवलिंग: मिट्टी के बने शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहते हैं. इनका पूजन विशेष रूप से किसी मन्नत की प्राप्ति के लिए किया जाता है.


मिश्री के शिवलिंग: जब कोई व्यक्ति किसी असाध्य रोग से पीड़ित हो तो उसे मिश्री से निर्मित शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से उसे असाध्य रोग से छुटकारा मिल सकता है.


फल-फूल के शिवलिंग: व्यक्ति को जब किसी जमीन जायदाद की समस्या से मुक्ति लेनी हो तो उसे फल और फूल से बने शिव लिंग की पूजा करनी चाहिए.