Kharmas 2021:हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य बिना सही मुहूर्त देखे शुरू नहीं किया जा सकता है. काम की शुरुआत से पहले शुभ समय या मुहूर्त या ग्रहण-नक्षण की गणना या जानकारी जरूर जुटाते हैं. इसके अलावा सूर्य की चाल पर भी जरूर ध्यान दिया जाता है. मगर खरमास महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हें. इस बार खरमास 14 दिसंबर से शुरू हो जाएंगे तो पूरे महीने के बाद 14 जनवरी को खत्म होगा. इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है. मान्यता है कि इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है, जिसके चलते कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता. ऐसे में ज्योतिषियों के अनुसार किसी भी तरह का मांगलिक कार्य ना करें. शादी, सगाई, वधू प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि ना करें.


जानिए किस दशा में लगता है खरमास
जब से सूर्य बृहस्पति राशि में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास शुरू हो जाता है. हिन्दू धर्म में यह महीना शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस महीने में नए या शुभ काम नहीं किए जाते हैं. खरमास महीने के अपने कुछ अलग नियम बताए गए हैं. इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है।


खरमास के खास नियम
1. खरमास ऐसा माह है, जो दान और पुण्य का सर्वाधिक फल देता है. इस महीने में आप जितने जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करेंगे, उतना ही लाभ मिलेगा.
2. इस माह सेहत और समृद्धि के लिए हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने का नियम बनाएं. सूर्योदय से पहले उठकर नहा लें और चढ़ते सूरज को अर्घ्य दें. इससे मनोवांछित फल मिलता है.
3. खरमास के महीने में गोसेवा का विशेष महत्व है. इसलिए गायों को गुड़-हरा चना खिलाएं. संभव ना हो तो घर में गाय की मूर्ति या तस्वीर लगाएं. पूरे माह गाय की पूजा जरूर करें. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण आपसे प्रसन्न होंगे.


खरमास में इनका ध्यान जरूर रखें
1. वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन, तिलकोत्सव करने से अशुभ फल मिलता है.
2. खरमास में चारपाई त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए. इससे सूर्यदेव की कृपा बरसती है.
3. खरमास में थाली छोड़कर पत्तल में भोजन करना शुभकारी माना गया है. 
4. इस माह लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए.
5. मान्यता है कि खरमास के दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन अशुभ फलदायक होता है.
6. खरमास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी है. मां लक्ष्मी का आगमन होता है.
7. तुलसी पूजा करनी चाहिए. शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं. समस्याएं कम होंगी.


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