kharmas 2020: हिंदू धर्म में खरमास जिसे मलमास भी कहते  हैं का बहुत महत्व है. जब खरमास लग जाते हैं तो कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. सूर्य जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है. बीते 14 मार्च को शनिवार के दिन से खरमास की शुरुआत हुई थी जो अब 13 अप्रैल 2020 को समाप्त हो रहा है.


खरमास जब लग जाता है तो किसी भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि खरमास में भगवान विष्णु आराम करने के लिए अपने शयन में चले जाते हैं. इसलिए शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस वर्ष मार्च में खरमास 14 मार्च को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर सूर्य ने मीन राशि में प्रवेश किया था. 13 अप्रैल को सूर्य अब मीन राशि से निकल कर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे. जहां पर ये 14 मई तक रहेंगे.


खरमास का समाप्ति का समय
पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2020 बुधवार को सूर्य देव रात्रि 10 बजकर 28 मिनट से मेष राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन को मेष संक्रांति भी कहा जाता है. इसी दिन बैसाखी का पर्व भी है.


ये मांगलिका कार्य होंगे प्रारंभ
13 अप्रैल के बाद विवाह, मुंडन, हवन, गृह प्रवेश, नया व्यापार, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे.


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