Karwa Chauth 2021: करवा चौथ का चांद देश में सबसे पहले कोलकाता में नजर आएगा. इसके बाद पटना में और फिर दिल्ली में चंद्रदर्शन होंगे. करवा चौथ के चांद का सबसे लंबा इंतजार मुंबई में होगा. पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को परिवार समेत भगवान शिव और देवी पार्वती की विधिवत पूजा करनी चाहिए और बैठकर कथा सुनी जाती है. यहां पूजा के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दौरान व्रती महिला का मुंह उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीपक, फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई और दो करवा में जल होना चाहिए. एक करवे से चंद्रदेव को जल दिया जाएगा और दूसरा पति के लिए होगा. चंद्रोदय पर चांद को छलनी से देखने से पहले छलनी पर दीप जला लें फिर चांद को देखें. फिर उसी से पति को देखें. चांद को जल से अर्घ्य देते हुए इन मंत्र का जाप जरूर करें, तभी अर्घ्य पूरा माना जाएगा. अर्घ्य देते समय वो चुन्नी साथ रखें, जिसे कथा सुनते हुए सिर पर रखी थी. दीये को वहीं जलता छोड़ दें. जिस करवे से आपको जल पीना है, पहले उससे पति को जल पिलाएं और फिर जल पीएं। करवाचौथ के दिन पति को परमेश्‍वर मानकर पहले उन्हें भोग लगाया जाता है और फिर खुद ग्रहण किया जाता है.

Continues below advertisement

अर्घ्य मंत्र ज्योत्‍सनापते नमस्तुभ्‍यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्‍यं मे प्रतिग्रह्यताम।।ॐ सोमाय नम: ॐ रोहिणिकांताय नम: ॐ चन्द्रमसे नम: क्षीरोदार्णव सम्भूतम अत्रिनेत्र समुद्भव ग्रहाणार्ध्‍यं शशांकेमं रोहिण्यांसहितोमम्।।यह मंत्र नहीं बोल सकते तो ॐ सोमाय नम: ही बोल सकते हैं.

ये उपायों से भी होगा लाभ

Continues below advertisement

- करवा चौथ के दिन पति-पत्नी को सुबह शिवलिंग पर बेलपत्र और देवी पार्वती को लाल फूल चढ़ाने चाहिए. इस दिन शिव-पार्वती का गठबंधन भी करें. इससे वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां कम होती है. - सरगी खाते समय महिला का मुंह दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए. वास्तु के मुताबिक, पूर्व दिशा को सूर्य ग्रह की दिशा माना जाता है और दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज है. - करवा चौथ के दिन अपने बेडरूम में गंदी या फटी हुई चादर ना बिछाएं. साथ ही अलग-अलग गद्दे की बजाय सिंगल गद्दा रखें.