- इस बात का हमेशा ध्यान रखन चाहिए कि बिना स्नान किये तुलसी का पत्र नहीं तोड़ना चाहिए.
- कभी भी शाम के समय तुलसी का पत्र नहीं तोडना चाहिए.
- पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी, रविवार व संक्रान्ति के दिन तीनों संध्याकाल {सुबह, दोपहर और शाम} में तुलसी पत्र नहीं तोडना चाहिए.
- जब घर में सूतक लगा हो अर्थात बच्चे के जन्म और किसी के मृत्यु के समय भी तुलसी का पत्र नहीं तोड़ना चाहिए साथ ऐसी दशा में तुलसी पत्र भी ग्रहण नहीं करना चाहिए. क्योंकि तुलसी श्री हरि के स्वरूप वाली हैं.
- तुलसी को दांतों से चबाकर नहीं खाना चाहिए.
- स्नान के बाद तुलसी को नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए.
Kartik Maas 2020: कार्तिक महीने में की जाती है तुलसी पूजा, पूजन में रखें इन बातों का ध्यान, होता है धन लाभ
एबीपी न्यूज़ | 03 Nov 2020 07:38 AM (IST)
Tulsi Puja in Kartik Month: कार्तिक मास का प्रारंभ हो गया है. इस महीने में तुलसी की पूजा की जाती है. इससे जातक की मनोकामना पूरी होती है. आइये जानें पूजन में ध्यान रखने वाली बातें.
Tulsi Puja in Kartik Month 2020: शरद पूर्णिमा के बाद से कार्तिक मास का प्रारंभ होता है. इस साल 31 अक्टूबर 2020 को शरद पूर्णिमा का समापन हो गया है और 1 नवंबर 2020 से कार्तिक का महीना शुरू हो गया है. इस महीने में विष्णु भगवान जल में निवास करते हैं, इसलिए इस माह में सुबह सूर्योदय के पहले स्नान करने से बहुत अधिक पुण्य और धन का लाभ होता है. इसके साथ ही कार्तिक मास में तुलसी पूजन का विशेष महत्त्व है. कार्तिक मास के पूरे महीने में माता तुलसी के सामने दीपक जलाया जाता है. इससे बहुत पुण्य और धन का लाभ होता है. सुख-संपदा और मान-सम्मान बढ़ता है. मान्यता है कि कार्तिक महीने में चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पहले स्नान करने मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है. कार्तिक के महीने में तुलसी के विवाह का आयोजन होता है. तुलसी का विवाह करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है. घर सुख संपदा से भर जाता है. सम्मान और वैभव की प्राप्ति होती है. तुलसी विवाह के लिए गमले को चारों तरफ से सजा लेते है और गन्ने से मंडप का निर्माण करते हैं, उसके ऊपर सुहाग की चुनरी ओढ़ाते है. तुलसी पूजन के नियम: तुलसी पूजन से पहले तुलसी पूजा के नियमों को भी जान लेना चाहिए जो कि निम्नलिखित हैं..