Hariyali Teej Ki Prampara: हरियाली तीज हिंदू महिलाओं द्वारा मनाए जाने वाले तीन प्रमुख तीज त्योहारों में से एक है. हरियाली तीज हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है.विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कल्याण के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. यह त्यौहार सावन मास में आता है.इस समय पूरा वातावरण हरियाली से भर होता है. इसलिए इसका नाम हरियाली तीज पड़ा.


हरियाली तीज को सावन तीज (Sawan Teej), छोटी तीज (Choti Teej) और मधुश्रव तीज (Madhushrava Teej) के नाम से भी जाना जाता है.हरियाली तीज (Hariyali Teej) का त्योहार वही महत्व रखता है, जो विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला करवा चौथ है. हरियाली तीज का त्योहार देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ उनकी एकता को समर्पित है.इस शुभ दिन पर भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसी कारण देवी पार्वती को 'तीज माता' भी कहा जाता है.


भिन्न नामों से जानी जाती है ये तीज
उत्तर भारतीय राज्यों में हरियाली तीज बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. पंजाब में इसे तीयन के नाम से जाना जाता है और राजस्थान राज्य में इसे शिंगरा तीज के नाम से जाना जाता है. हरियाली तीज का उत्सव एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में थोड़ा भिन्न हो सकता है, लेकिन भावना और उत्साह हर जगह समान है.


हरियाली तीज की खास परंपरा



  • हरियाली तीज के दिन, विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल पक्ष द्वारा पारंपरिक कपड़े, चूड़ियां, मेहंदी, सिंदूर और मिठाई जैसे कुछ नाम के लिए श्रृंगार की चीजें भेंट की जाती हैं.

  • महिलाएं विशेष रूप से हरे रंग के लहंगे या साड़ी पहनती हैं.  ये श्रृंगार सामग्री विवाह के प्रतीक हैं और विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखते हैं. साथ ही इन्हें पहनना शुभ भी माना जाता है.

  • हिंदू परंपराओं के अनुसार यह माना जाता है कि सभी 16 श्रंगार पहनकर एक महिला अपने पति को सभी बुराइयों से बचा सकती है.'सिंधारा' उपहार देने की यह प्रथा नवविवाहितों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.

  • महिलाएं हरियाली तीज मनाने के लिए अपने माता-पिता के घर जाती हैं. स्वादिष्ट खाने की चीजें बनाई जाती हैं और सभी का आनंद लेते हैं. 

  • हरियाली तीज की खास परंपरा है वट वृक्ष की परंपरा. यह भी 'श्रावणी तीज' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.ज्यादातर जगहों पर बरगद के पेड़ या वट वृक्ष की शाखाओं पर और यहां तक कि घरों में भी झूले लटकाए जाते हैं.

  • महिलाएं अन्य महिलाओं के साथ नाच-गाने के साथ-साथ झूला झूलते हुए दिन बिताती हैं.

  • हरियाली तीज के दिन महिलाओं को पूरी छूट दी जाती है, जिसे वो अपना दिन बना सकें.

  • हिंदू पौराणिक कथाओं में बरगद के पेड़ को पवित्र माना जाता है और इसकी लटकती शाखाएं ज्ञान को दर्शाती हैं. इसलिए हरियाली तीज के दिन वटवृक्ष की पूजा करना भी शुभ माना जाता है. 


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