Guru Gobind Singh Jayanti 2025: सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाएगी.  गुरु गोविंद सिंह जी ऐसे वीर संत थे, जिनकी मिसाल दुनिया के इतिहास में कम ही मिलती है. ये दिन शहीदी दिवस के नाम से भी जाना जाता है. 1699 में उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी.

Continues below advertisement

पिता के बलिदान के बाद गुरु गोविंद सिंह ने 9 साल की उम्र में ही अपनी जिम्मेदारी को समझकर गुरुगद्दी पर बैठकर समाज को उचित दशा और दिशा दी थी.उन्होंने सभी सिखों से गुरु ग्रंथ साहिब को अपना गुरू मानने को कहा था.

गुरु गोविंद सिंह ने बताए 5 ककार

Continues below advertisement

गुरु गोविंद जी के कहने पर ही  सिखों के लिए खालसा पंथ के प्रतीक के तौर पर 5 ककार यानी केश, कंघा, कृपाण, कच्छ और कड़ा अनिवार्य हुआ.

गुरु गोविंद सिंह जी की सीख

  • धरम दी किरत करनी, दसवंड देना यानी अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दें.
  • कम करन विच दरीदार नहीं करना यानी काम में खूब मेहनत करें और कोताही न बरतें.
  • धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना यानी अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें.
  • गुरुबानी कंठ करनी: गुरुबानी को कंठस्थ करें.

धर्मगुरु ने क्यों उठाए शस्त्र

गुरु गोविंद सिंह धर्मगुरु थे, लेकिन सत्य और न्याय की रक्षा के लिए तथा धर्म की स्थापना के लिए उन्हें श्त्र धारण करना पड़े. गुरु गोविंद सिंह जी बहुत कम उम्र में ही मार्शल आर्ट और तलवार चलाने में माहिर थे.उन्होंने मुगलों या उनके सहयोगियों के साथ लगभग 14 युद्ध लड़े थे. इसलिए उन्हें संत सिपाही भी कहा जाता था.

Ekadashi in Decemebr 2025: दिसंबर में 2 नहीं बल्कि 3 एकादशी का संयोग, जानें कब-कब है

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.