Gupta Navratri 2021 Pooja Samgri: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. एक साल में चार नवरात्रि आती है. जिसमें दो प्रत्यक्ष नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि होती है. प्रत्यक्ष नवरात्रि में जहां मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. वहीं गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की साधना व उपासना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में भक्त त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, मां बंगलामुखी, मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, माता भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, माता मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं.इस पूजा से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. उनकी मनोकामना पूरी होती है.

आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि कब से?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा 11 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू हो रही है. जोकि नवमी तिथि अर्थात 18 जुलाई को ख़त्म होगी. इसके लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5:31 बजे से 7:47 बजे तक है.

इस बार गुप्त नवरात्रि  में बन रहा उत्तम योग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार गुप्त नवरात्रि के अवसर पर उत्तम योग बन रहें हैं. इसकी शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है. गुप्त नवरात्रि पूजा की शुरुआत में आर्द्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से उत्तम योग बन रहा है. ज्योतिष विद के अनुसार, गज पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन से उत्तम वृष्टि के आसार हैं.

गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट:

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की साधना एवं उपासना विधि पूर्वक करने के लिए कई सामग्री की जरूरत होती है. इनमें सात प्रकार के अनाज, पवित्र नदी की रेत, पान, हल्दी, सिक्का, सुपारी, चंदन, रोली, रक्षा, जौ, कलश, गंगाजल, मौली, अक्षत्, पुष्प आदि समाग्री शामिल है. चूंकि गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से शुरू होने जा रही है. ऐसे में भक्त को चाहिए कि मां दुर्गा का विधि –विधान से पूजा करने के लिए उक्त सामग्री एकत्रित कर लें.