Griha Pravesh 2024 Muhurat: अपनी घर खरीदना एक बड़ी उपलब्धि है. घर को मंदिर की संज्ञा दी जाती है इसलिए हिंदू धर्म में घर में पूजा पाठ कर किया जाता है. शुभ मुहूर्त में किया गया गृह प्रवेश घर में सुख-समृद्धि लाता है और शांति बनी रहती है, मां लक्ष्मी का वास होता है.

अगर इस साल आप भी अपने सपनों के आशियाने में जाने का विचार कर रहे हैं तो साल 2024 के गृह प्रवेश मुहूर्त, नियम, विधि और समस्त जानकारी यहां जानें.

गृह प्रवेश में मुहूर्त का महत्व (Griha Pravesh Significance)

गृह प्रवेश किसी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण और यादगार अवसर होता है. एक मूल्यवान घर खरीदने की अपनी इच्छा को साकार करने के लिए, नए या पुराने घर में गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त पर विचार किया जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार शुभ दिन, मुहूर्त, तिथि और नक्षत्र को ध्यान में रखकर गृह प्रवेश करने से लंबे समय तक उसमें सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. पूजा पाठ कर गृह प्रवेश करने से समस्त देवी-देवता आशीर्वाद प्राप्त होता है, बुरी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करते. परिवार में खुशहाली बनी रहती है.

गृह प्रवेश फरवरी 2024 मुहूर्त

तारीख दिन शुभ मुहूर्त तिथि नक्षत्र
12 फरवरी 2024 सोमवार दोपहर 02.54 - शाम 05.44 तृतीया उत्तर भाद्रपद
14 फरवरी 2024 बुधवार सुबह 07.01 - सुबह 10.43 पंचमी रेवती
19 फरवरी 2024 सोमवार सुबह 06.57 - सुबह 10.33 दशमी, एकादशी मृगशीरा
26 फरवरी 2024 सोमवार सुबह 06.50 - सुबह 04.31, 27 फरवरी द्वितीया, तृतीया उत्तरा फाल्गुनी
28 फरवरी 2024 बुधवार सुबह 04.18- सुबह 06.47, 29 फरवरी पंचमी चित्रा
29 फरवरी 2024 गुरुवार सुबह 06.47 - सुबह 10.22 पंचमी चित्रा

गृह प्रवेश मार्च 2024 मुहूर्त

तारीख दिन शुभ मुहूर्त तिथि नक्षत्र
2 मार्च 2024 शनिवार दोपहर 02.42 - सुबह 06.44, 3 मार्च सप्तमी अनुराधा
6 मार्च 2024 बुधवार दोपहर 02.52 - सुबह 04.13, 7 मार्च एकादशी उत्तराषाढ़ा
11 मार्च 2024 सोमवार सुबह 10.44 - सुबह 06.34, 12 मार्च द्वितीया उत्तर भाद्रपद, रेवती
15 मार्च 2024 शुक्रवार रात 10.09 - सुबह 06.29, 16 मार्च सप्तमी रोहिणी
16 मार्च 2024 शनिवार सुबह 06.29 - रात 09.38 सप्तमी रोहिणी, मृगशिरा
27 मार्च 2024 बुधवार सुबह 06.17 - शाम 04.16 द्वितीया चित्रा
29 मार्च 2024 शुक्रवार रात 08.36 - सुबह 06.13, 30 मार्च पंचमी अनुराधा
30 मार्च 2024 शनिवार सुबह 06.13 - रात 09.13 पंचमी अनुराधा

गृह प्रवेश अप्रैल 2024 मुहूर्त

तारीख दिन शुभ मुहूर्त तिथि नक्षत्र
3 अप्रैल 2024 बुधवार शाम 06.29 - रात 09.47 दशमी उत्तराषाढ़ा

मई से दिसंबर तक नहीं है गृह प्रवेश मुहूर्त

पंचांग के अनुसार 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे, जिसका समापन 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी पर होगा. चातुर्मास के चार महीने अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए, इस अवधि में समस्त मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. वहीं मई, जून, नवंबर और दिसंबर में भी गृह प्रवेश के कोई मुहूर्त नहीं है.

गृह प्रवेश पूजा के प्रकार (Types of Griha Pravesh)

  1. अपूर्वा - नया घर खरीदने से पहेल अपूर्वा गृह प्रवेश पूजा कराई जाती है.
  2. सपूर्व - लंबे समय बाद अपने आशियाने में लौटने पर सपूर्व गृह प्रवेश पूजा करानें की सलाह दी जाती है, उदाहरण के तौर पर सालों किसी दूसरे स्थान पर रहने के बाद अपने घर में वापस रहने से पहले इस पूजा को करना चाहिए.
  3. द्वांधव - गृह प्रवेश के लिए ये पूजा तब कराई जाती है जब व्यक्ति किसी प्राकृतिक आपदा के कारण अपना घर छोड़ने के कई सालों बाद वापस उसमें रहने आता है.

गृह प्रवेश पूजा मंत्र (Griha Pravesh Puja Mantra)

वैसे तो गृह प्रवेश पूजा किसी जानकार या पुजारी से ही करना चाहिए, क्योंकि इसके लिए वेदों का ज्ञान जरुरी है लेकिन अगर आप खुद पूजा करते हैं तो इन मंत्रों का जाप करें.

  1. गणेश जी आव्हान मंत्र - ऊं गणेशाय नम: आवाहयामि
  2. गणपति को चंदन लगाने का मंत्र - ऊं गणेशाय नम:  गंधम समर्पयामि
  3. फूल चढ़ाने का मंत्र - ऊं गणेशाय नम: पुष्पम समर्पयामि
  4. दीपक लगाने का मंत्र - ऊं गणेशाय नम: दीपम दर्शयामि
  5. भोग लगाने का मंत्र - ऊं गणेशाय नम: नम्रता-महा-नैवेद्यं वेदयति

गृह प्रवेश पूजा की विधि (Griha Pravesh Vidhi)

  • शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही गृहप्रवेश की पूजा का प्रारंभ और अंत होना चाहिए.
  • गृह प्रवेश के दिन घर के मुख्य द्वार पर वंदनवार लगाएं. इसमें अशोक के पत्ते जरुर लगाएं, ये घर को बुरी शक्तियों से बचाते हैं. मेनगेट पर रंगोली बनाएं.
  • घर के ईशान कोण में पूजा करें. पूजा की चौकी पर अनाज से नवग्रह बनाएं.
  • सबसे पहले गणपति की पूजा करें और फिर नवग्रह, दसो दिगपाल, रक्षपाल, ग्राम देवता, स्थान देवता आदि को विधिवत स्थान देकर पति-पत्नी साथ मिलकर पूजन करें.
  • मुख्य द्वार पर दोनों ओर जल भरे कलश पर दीपक जलाकर रखना चाहिए.
  • सुहागिनों के साथ कन्या और गाय की पूजा करके, सबसे पहले दायां पैर घर में रखें.
  • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक लगाएं, इसके बाद सबसे पहले रसोईघर की पूजा करें.
  • इस दिन रसोईघर में सर्वप्रथम दूध उबालना या दूध से जुड़ा पकवान बनाया जाना शुभ माना जाता है. इसीलिए चूल्हे पर खीर बनाई जाती है.
  • अब सत्यनारायण व्रत कथा जरूर सुनें. फिर ब्राह्मण भोजन कराएं.

गृह प्रवेश पूजा में रखें इन बातों का ध्यान (Griha Pravesh Do's and Dont's)

  • घर पूरा होने पर करें प्रवेश - घर का निर्माण कार्य पूरा होने के बादही गृह प्रवेश पूजा करें. पूजा से पहले खिड़की, दरवाजे, रंग-रौगन, छत तैयार हो चुके होने चाहिए.
  • शुभ तिथि - फाल्गुन महीने में गृह प्रवेश करना श्रेष्ठ माना जाता है, इसके अलावा वैशाख, माघ, ज्येष्ठ में भी गृह प्रवेश कर सकते हैं लेकिन ये शुभ कार्य भाद्रपद, पौष, आषढ़, सावन और अश्विन माह में न करें.
  • पूजा से पहले क्या करें-क्या न करें - वास्तु के अनुसार गृह प्रवेश से पहले घर को अच्छी तरह साफ करें, गंदगी के साथ नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. गंगाजल से पूरे घर के शुद्ध करें. पूजा से पहले फर्नीचर शिफ्ट न करें. पूजा के समय खिड़की-दरवाजे खोलकर रखें.
  • हवन है जरुरी - नए घर में प्रवेश पूजा के समय हवन करना बेहद शुभ माना जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
  • घर सूना न रहे - जिस दिन गृह प्रवेश उस दिन पूजा के बाद घर को सूना न छोड़ें. परिवार का कोई भी सदस्य घर में ही रात रुके.

गृह प्रवेश में क्या गिफ्ट दें

उपहार लाभ
गणपति मूर्ति गृह प्रवेश के लिए चांदी की परत चढ़ी मूर्ति तोहफे में देना बेहद शुभ माना जाता है. किसी शुभ कार्य को संपन्न करने के लिए गणपति जी का आशीर्वाद बेहद जरुरी है. नए घर में बप्पा की मूर्ति सौभाग्य लाती है.
मेरु श्रीयंत्र मेरु श्रीयंत्र में लक्ष्जी का वास होता है. कहते हैं ये जिस भी घर में होता है वहां पर आने वाली खुशियों, समृद्धि और स्‍वास्‍थ्‍य के मार्ग में आ रही रुकावटों को दूर करता है.
गोमती चक्र पेड़ गोमती चक्र समृद्धि, खुशी, अच्छा स्वास्थ्य, धन, मन की शांति और बुरे प्रभावों से बचाता है. ऐसे में गोमती चक्र पेड़ गृह प्रवेश के लिए अच्छा उपहरा हो सकता है.
तुलसी का पौधा  गृह प्रवेश के समय तुलसी का पौधा गिफ्ट करने से नए घर में लक्ष्मी का वास होता है. वहां रहने वाले परिवार पर मां लक्ष्मी मेहरबान रहती है. 

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