Gemstone: मूंगा रत्न ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है. मंगल ऊर्जा, साहस और पराक्रम के ग्रह है. इसलिए मूंगा को धारण करना मंगल के प्रभावों को बढ़ाने में सहायक माना जाता है.
मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है. यह दिन मंगल ग्रह को समर्पित है. इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है. ताकि उसका सकारात्मक प्रभाव आपके जीवन में पड़े. मूंगा रत्न को सोने, चांदी या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर पहना जा सकता है.
धारण करने से पहले रत्न की शुद्धि के लिए मंगलवार के दिन इसे गंगाजल और कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करना चाहिए. ज्योतिषीय नियमों के अनुसार, इस रत्न को हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करना उचित होता है.
सुरक्षा कवच और संबंधों को भी करता है मजबूत
मूंगा रत्न के ज्योतिषीय और आध्यात्मिक लाभ अनेक हैं. यह रत्न कुंडली में मंगल ग्रह के दोषों को कम करने और उसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने में सहायक होता है. शास्त्रों के अनुसार मंगल की कृपा से व्यक्ति में आत्मविश्वास, साहस और उत्साह में वृद्धि होती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना अधिक दृढ़ता से कर पाता है.
इसके अलावा एक मान्यता यह भी है कि मूंगा एक शक्तिशाली सुरक्षा कवच के रूप में भी कार्य करता है. कहा जाता है कि जो लोग कर्ज से परेशान हैं, उनके लिए लाल मूंगा विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. यह आवश्यक ऊर्जा और बुद्धि प्रदान करता है.
वैदिक परंपरा का पालन करने वाली भारतीय विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सुरक्षा के लिए इसे मंगलसूत्र के रूप में भी धारण करती हैं. व्यक्तिगत और वैवाहिक जीवन में मूंगा रत्न जीवनसाथी के साथ संबंधों को मजबूत करता है. इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है.
स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक
मूंगा रत्न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जाना जाता है. वैज्ञानिक दृष्टि से यह रक्त संचार को बेहतर बनाने में सहायक है, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहता है और थकान कम होती है.
इसके अतिरिक्त यह रत्न मानसिक स्थिरता और शांति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कहा जाता है कि मूंगा को धारण करने से तनाव, चिंता और अवसाद में कमी आती है. यह एकाग्रता में भी सुधार करता है. इस कारण यह विद्यार्थियों के लिए भी शुभ होता है.
व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के लिए मूंगा रत्न विशेष रूप से सफलता और धनार्जन में वृद्धि का कारक माना जाता है. यह नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सम्मान को बढ़ाता है, जिससे धारक अपने कार्यक्षेत्र में अधिक प्रभावशाली बन सकता है.
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