Garuda Purana, Lord Vishnu Niti Granth: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण ग्रंथ का विशेष महत्व है. इसमें ना सिर्फ जीवन-मृत्यु और स्वर्ग-नरक के बारे में बताया गया है, बल्कि गरुड़ पुराण में ऐसी कई अहम जानकारियां भी मिलती है जो मनुष्य के जीवन से संबंधित है. गरुड़ पुराण ग्रंथ में बताएं नियमों का पालन करने से व्यक्ति जीवन में सभी सुखों का भोग करता है और ऐसे लोगों को मरणोपरांत स्वर्ग की प्राप्ति होती है.


कई बार ऐसा होता है कि खूब पैसा कमाने के बाद भी धन का अभाव बना रहता है. इसका कारण व्यक्ति की आदतें होती हैं, इसका उल्लेख गरुड़ पुराण में मिलता है. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन पक्षीराज गरुड़ को बताते हैं कि व्यक्ति अपनी आदतों के कारण ही कंगाल बनता है. यदि आप में भी ये आदतें हैं तो समय रहते इन आदतों से दूरी बना लें, वरना ये आदतें आपको राजा से रंक भी बना सकती है.


राजा को भी रंक बना देती हैं ये 3 आदतें


भगवान को भोग न लगाना


गरुड़ पुराण के अनुसार, जिस घर पर रसोई में बनने वाले भोजन का भोग भगवान को नहीं लगाया जाता है, वहां दरिद्रता छा जाती है. यदि आप भगवान को भोग लगाए बिन पहले खुद ही भोजन करने लगते हैं तो आप पाप के भोगी बनते हैं और ऐसे घर पर मां लक्ष्मी का वास नहीं होता. इसलिए रसोई में बने भोजन को सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं. इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर पर मां अन्नापूर्णा का आशीर्वाद बना रहता है और घर अन्न-भंडार से सदैव भरा रहता है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को लगाया गया भोग शुद्ध व सात्विक होना चाहिए.


संपत्ति और पैसों का अहंकार


गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी अपनी धन- संपत्ति पर घमंड नहीं करना चाहिए. घमंड करने से आप दूसरों को अपमानित करते हैं और यह आपके अभिमान को दर्शाता है. ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और घर पर वास नहीं करतीं. इसलिए अपनी धन-संपत्ति पर अहंकार करने के बजाय भगवान का धन्यवाद करें और गरीब व जरूरतमंदों की मदद करें.


धर्म ग्रंथों का पाठ न करना


जो लोग धर्म ग्रंथों का पाठ नहीं करते उनके घर नकारात्मकता का वास होने लगता है. इसलिए रामायण, महाभारत, गरुड़ पुराण और अन्य धर्म ग्रंथों का अध्ययन जरूर करें. आप धर्म के जानकार लोगों से भी इससे संबंधित जानकारी लें या फिर जहां भी धार्मिक ग्रंथों का पाठ या कथा हो रहा हो उसमें शामिल जरूर हों, इससे भी पुण्य मिलता है. धार्मिक पुस्तकों व ग्रंथों के माध्यम से भगवान का स्मरण होता है, इसलिए इनका पाठ जरूर करें.


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