Ganesh Visarjan 2022 Date and Time: रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश का विसर्जन 9 सितंबर 2022 को अनंत चतुर्दशी पर किया जाएगा. अनंत चतुर्दशी 10 दिनों तक चलने वाले गणपति उत्सव का अंतिम दिन होता है. इस दिन ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से गौरी पुत्र गणेश को विदाई दी जाती है. शुभ मुहूर्त में गजानन को विधि पूर्वक जल में विसर्जित किया जाता है. जिस तरह गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना के लिए पूजा पाठ की जाती है उसी प्रकार विसर्जन भी विधि विधान से करना चाहिएत तभी पूजा का पूर्ण फल मिलता है. आइए जानते हैं गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त, विधि, योग और गणेश विसर्जन का मंत्र


गणेश विसर्जन 2022 शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2022 muhurat)


(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि शुरू - 08 सितंबर 2022, रात 09.02


(अनंत चतुर्दशी) भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि  समापन  - 09 सितंबर 2022, शाम 06.07


गणेश विसर्जन सुबह मुहूर्त - 06.03 AM - 10.44 AM


गणेश विसर्जन दोपहर मुहूर्त - 12.18 PM - 1.52 PM


गणेश विसर्जन शाम मुहूर्त - 5.00 PM - 6.31 PM


ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:38 - सुबह 05:24  


अभिजित मुहूर्त  - सुबह 11:59 - दोपहर 12:49


गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:26 - शाम 06:50


गणेश विसर्जन 2022 शुभ योग (Ganesh Visarjan 2022 shubh yoga)


अनंत चतुर्थी पर बेहद शुभ योग बन रहा है. इस दिन सुकर्मा और रवि योग बनने से


भगवान सत्यनारायण की पूजा और गणपति की पूजा का विशेष लाभ मिलेगा.


रवि योग - 6.10 AM - 11.35 AM (9 सितंबर 2022)


सुकर्मा योग - 8 सितंबर 2022, 09.41 PM - 9 सितंबर 2022  06 .12 PM


गणेश विसर्जन पूजा विधि (Ganesh Visarjan Puja vidhi)



  • गणेश उत्सव के समय बप्पा की विधि विधान से पूजा की जाती है. उसी प्रकार विसर्जन के दिन गजानन की उपासना करें. इस दिन लाल, पीले रंग के वस्त्र पहनें

  • पूजा में उनकी पसंदीदा वस्तु जैसे दूर्वा, मोदक, लड्‌डू, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, हल्दी, नारियल, फूल, इत्र, फल, अर्पित करें. पूजा के समय  ॐ श्री विघ्नराजाय नमः। मंत्र का जाप करें

  • घर या पंडाल जहां गणपति स्थापित किए हो वहां आरती और हवन करें. अब एक पाट पर गंगाजल छिड़कें. उसपर स्वास्तिक बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं.

  • गणपति प्रतिमा और उन्हें अर्पित की सभी सामग्री पाट पर रखें और फिर ढोल, नगाड़ों के साथ झूमते, गाते, गुलाल उड़ाते हुए विसर्जन के लिए निकलेंनदी, तालाब के तप पर विसर्जन से पूर्व दोबारा गणेश जी की कपूर से आरती करें. उनसे गणेश उत्सव के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलती की माफी मांगे. अगले वर्ष पुन: पधारने की कामना करें.

  • गणेश विसर्जन में इस मंत्र (Ganesh Visarjan mantra) का जाप करते हुए सम्मानपूर्वक धीरे-धीरे उन्हें जल में विसर्जित करें. गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन

  • गणेश जी के साथ उन्हें अर्पित की चीजें सुपारी, पान, लौंग, इलायची और नारियल भी विसर्जित करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार 10 दिन तक गणपति जी की पूजा में जो नारियल रखते हैं उसे फोड़ना नहीं चाहिए. साथ ही घर में विसर्जन के लिए बड़े बर्तन का उपयोग करें, उसमें इतना पानी भरें कि प्रतिमा पूरी डूब जाए. इस पानी को बाद में गमले या पवित्र वृक्ष जैसे शमी यां आंक के पेड़ में डाल दें.


क्यों जल में करते हैं गणपति विसर्जन ?


जल पांच तत्वो में से एक है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश प्रतिमा का जल में विसर्जन करने से गणपति जी पंच तत्वों में सामहित होकर अपने मूल स्वरूप में आ जाता है. जल में विसर्जन होने से भगवान गणेश का साकार रूप निराकार हो जाता है.


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