Ganesh Visarjan 2023 Highlights: गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ...गणेश चतुर्थी 2024 में कब पडे़गी? जानें
Ganesh Visarjan 2023 Highlights: गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023 को यानि आज है. अनंत चतुर्दशी पर 10 दिन के गणेश उत्सव का समापन होता है. गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त जरुर देंखें.
एबीपी लाइवLast Updated: 28 Sep 2023 06:15 PM
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Ganesh Visarjan 2023 Highlights: गणेश विसर्जन आज यानी 28 सितंबर 2023 को है. आज अनंत चतुर्दशी पर गणेश उत्सव का आखिरी दिन है. 10 दिन तक बप्पा को घर में...More
Ganesh Visarjan 2023 Highlights: गणेश विसर्जन आज यानी 28 सितंबर 2023 को है. आज अनंत चतुर्दशी पर गणेश उत्सव का आखिरी दिन है. 10 दिन तक बप्पा को घर में रखने के बाद भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी (anant chaturdashi) के दिन गणपति का जल में विसर्जन किया जाता है. सुबह-शाम की पूजा के बाद गणपति जी का विसर्जन किया जाएगा. इस बार गणपति विसर्जन के लिए दिनभर में कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.बप्पा की विदाई कई भक्तों को उदास कर जाती है लेकिन कहते हैं अगर खुशी-खुशी गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाए तो गणपति भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं. आइए जानते हैं गणेश विसर्जन की सभी महत्वपूर्ण जानकारी.अनंत चतुर्दशी 2023 मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2023 Muhurat)पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर 2023 को रात 10 बजकर 18 मिनट से शुरू हो चुकी है इसका समापन आज शाम 06 बजकर 49 मिनट पर होगा. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है. श्रीहरि की पूजा के लिए इस दिन सुबह 06 बजकर 12 मिनट से शाम 06 बजकर 49 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.गणेश विसर्जन 2023 मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2023 Muhurat)भगवान गणपति की विदाई का पहला मुहूर्त दोपहर 12 से 3 बजे तक रहेगा. शाम 4.30 से 6 बजे तक आखिरी मुहूर्त होगा. विसर्जन दोपहर में करेंगे तो अच्छा रहेगा, क्योंकि गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए मध्याह्न काल यानी दोपहर का समय सबसे अच्छा रहता है. सूर्यास्त के बाद बप्पा को विदा नहीं करना चाहिए.बप्पा को जल में क्यों करते हैं विसर्जितजल तत्व के स्वामी गणेश जी हैं. शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी पर जब बप्पा घर आते हैं और उनकी पूजा की जाती है तो वह साकार रूप लेकर हमारे घर में वास करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश प्रतिमा का जल में विसर्जन करने से गणपति जी पंच तत्वों में सामहित होकर अपने मूल स्वरूप में आ जाता है. जल में विसर्जन होने से भगवान गणेश का साकार रूप निराकार हो जाता है.
Ganesh Chaturthi 2024 (गणेश चतुर्थी 2024 में कब है?)
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ... की विनती के साथ बप्पा को विदाई दी गई. साल 2024 में गणेश चतुर्थी का पर्व कब पड़ेगा? पंचांग अनुसार साल 2024 में चतुर्थी की तिथि 6 सितंबर को पड़ेगी. जो दोपहर 3:01 से शुरु होगी जो 7 सितंबर शाम 5:37 मिनट पर समाप्त होगी.
उदया तिथि होने की वजह से 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. इसी के साथ अनंत चतुर्दशी 10 दिन बाद 16 सितंबर को मनाई जाएगी.
Ganesh Chaturthi 2024 (2024 में कब है गणेश चतुर्थी)
गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आना.. गणपति को विसर्जित करते समय हम यही कहकर जयकारे लगाते हैं. दरअसल यह गणपति के शीघ्र आने की कामना के लिए कहा जाता है. आपको बता दें कि, अगले साल 2024 में बप्पा 07 सितंबर को आएंगे. यानी अगले साल गणेश चतुर्थी 07 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी.
Ganesh Visarjan 2023 (विसर्जन करते समय गणपति से मांगे माफी)
गणपति को विसर्जित करने से पहले पूजा-अनुष्ठान करने की परंपरा है. इसी के साथ विसर्जन से पहले आपको भगवान से क्षमायाचना भी जरूर करनी चाहिए. भगवान से अपने द्वारा जाने-अनजाने में हुई भूल-चूक के लिए मांफी मांगे.
(Ganesh Visarjan 2023 Importance) गणेश विसर्जन का महत्व
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके बाद इसे विसर्जन करने की परंपरा है. गणेश जी की मूर्ति को समुद्र, तालाब, झील जैसे जलाशयों में विसर्जित किया जाता है. अगर मूर्ति इको फ्रैंडली हो तो आप घर पर भी गणपति विसर्जन कर सकते हैं. जलाशय में मूर्ति विसर्जित करने का महत्व है कि यह भगवान गणेश को उनके स्वर्ग स्थान कैलाश पर्वत की यात्रा को चिन्हित करते के लिए किया जाता है. अनुष्ठान और परंपराओं के साथ 3, 5, 7 और 11 वें दिन विसर्जन किया जाता है.
Ganesh Visarjan 2023 Upay: धन लाभ के लिए गणेश विसर्जन पर करें ये काम
गणेश विसर्जन से पहले गणेश जी को गुड़ और गाय के घी से बना भोग लगाएं. इससे आपकी आर्थिक तंगी दूर होगी और तेजी से धन लाभ मिलेगा. पैसों की सभी परेशानियों का निवारण होगा.
गणेश जी के साथ उन्हें अर्पित की चीजें सुपारी, पान, लौंग, इलायची और नारियल भी विसर्जित करना चाहिए. कलश पर रखा नारियल फोड़े नहीं. गणेश विसर्जन के दिन काले रंग के कपड़े न पहनें. धीर-धीरे प्रतिमा को विसर्जित करें. एकदम से मूर्ति छोड़ने पर टूट सकती है, जो अपशकुन माना गया है.
आज गणपति जी का विसर्जन करते समय ये दो मंत्र जरुर बोलें. मान्यता है इससे बप्पा समस्त मनोकामना पूरी करते हैं. जल में विसर्जित करने के दौरान पहले ये मंत्र बोले तीन बप्पा पर हाथ से नदी का जल डालें और फिर धीरे से उन्हें जल में विसर्जित कर दें.
गणेश महोत्सव का आखिरी दिन गणेश विसर्जन की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि श्री वेद व्यास जी ने गणपति जी को गणेश चतुर्थी के दिन से महाभारत की कथा सुनानी शुरू की थी, उस समय बप्पा उसे लिख रहे थे. कहानी सुनाने के दौरान व्यास जी आंख बंद करके गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे और गणपति जी लिखते गए. कथा खत्म होने के 10 दिन बाद जब व्यास जी ने आंखे खोली तो देखा कि गणेश जी के शरीर का तापमान काफी ज्यादा बढ़ गया था. ऐसे में व्यास जी ने गणेश जी के शरीर को ठंडा करने के लिए जल में डुबकी लगवाई. तभी से यह मान्यता है कि 10वें दिन गणेश जी को शीतल करने के लिए उनका विसर्जन जल में किया जाता है.
गणपति विसर्जन के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करें. पूजा के दौरान उन्हें उनकी प्रिय चीज दूर्वा, हल्दी, कुमकुम,माला नारियल और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद उन्हें मोदक, लड्डू आदि का भोग लगायें. धूप, दीप और अगरवत्ती जलाकर ऊं गं गणपतये नमः: का जाप करें. अब नदी या तालाब में सम्मान सहित गणपति बप्पा का विसर्जन करें. तट के किनारे विसर्जन करने के पहले कपूर से गणेश जी की आरती करें. गणपति जी को विदा करते समय अगले साल आने की कामना करते हुए निवेदन भी करें.