Eid-e-Milad-Un-Nabi 2023 Date: इस्लाम धर्म के लोगों के कई प्रमुख त्योहारों में ईद-ए-मिलाद-उल-नबी (Eid-e-Milad-Un-Nabi) भी एक है. देशभर में मुस्लिम समुदाय (Muslim community) के लोगों द्वारा इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह खुशियों का ऐसा अवसर होता है, जिसमें लोग अपने घर और मस्जिदों को सजाते हैं और इस दिन का जश्न उत्सव की तरह मनाते हैं.


इस त्योहार को पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इसलिए यह दिन मुसलमानों के लिए बहुत खास होता है. इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar) के अनुसार, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व हर साल इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने में रबी-उल-अव्वल (Rabi al-Awwal) के 12 वें दिन मनाया जाता है. इस साल 2023 में यह त्योहार 28 सितंबर को मनाया जाएगा या 29 सितंबर को इसे लेकर लोग असमंजस में हैं. आइये जानते हैं ईद-ए-मिलाद की सही तारीख और इसका महत्व.


कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 2023 (Eid-e-Milad-Un-Nabi 2023 Date)


इस्लाम धर्म से जुड़े सभी त्योहार चंद्र कैलेंडर पर आधारित होते हैं. इसलिए त्योहारों की तारीख भी चंद्रमा की स्थिति पर ही निर्भर करती है. इस साल 2023 में ईद-मिलाद-उन-नबी 27 सितंबर की शाम को शुरू हो जाएगा और 28 सितंबर 2023 की शाम को समाप्त होगा. भारत में 28 सितंबर 203 को यह त्योहार मनाया जाएगा.


हालांकि शिया और सुन्नी संप्रदाय के लोगों द्वारा इसे अलग-अलग दिन मनाया जाता है. सुन्नी संप्रदाय वाले ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को 12वीं रबी-उल-अव्वल को मनाते हैं तो वहीं शिया संप्रदाय वाले इसे 17वें रबी-अल-अव्वल को मनाते हैं.


ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का महत्व (Eid-e-Milad-Un-Nabi 2023 Importance)


यह पर्व मुसलमानों के लिए एक उत्सव की तरह होता है. इस पर्व को अल्लाह के दूज कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद साबह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि, मक्का शहर के रेगिस्तान में 570 ईस्वी में पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था. पैगंबर मुहम्मद इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर थे. कहा जाता है कि, अल्लाह ने उन्हें अपने संदेशवाहक के रूप में चुना था.


इस्लाम धर्म के विस्तार और विकास में पैगंबर हजरत मुहम्मद का विशेष योगदान माना जाता है. क्योंकि इन्होंने ताउम्र लोगों को कुरान और अल्लाह के संदेश की शिक्षा दी. यही कारण है कि उनके जन्मदिन पर लोग घर और मस्जिद को सजाते हैं, कुरान पढ़ते हैं, अल्लाह की इबादत करते हैं, गरीबों को जकात अदा करते हैं और एक दूसरे के गले मिलकर ईद ए मिलाद की मुबारकबाद देते हैं. कई जगहों पर इस दिन जुलूस भी निकाला जाता है.


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