Ravan Dahan 2025: आज 2 अक्टूबर को देशभर में विजयादशमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसे दशहरा भी कहा जाता है. दशहरा के दिन रावण का पुतला बनाकर जलाया जाता है. रावण दहन करने का मुहूर्त भी शुरू हो चुका है. लेकिन इस आयोजन में बारिश बाधा डाल रही है.

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आज गुरुवार को दिल्ली समेत देशभर के कई शहरों में बारिश (Delhi Rain) हो रही है. कुछ जगहों पर हल्की बूंदा-बांदी है तो वहीं कुछ जगहों पर झमाझम बारिश हो रही है. बारिश के बाद भले ही लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिल हो, लेकिन रावण दहन के आयोजन में बाधा उत्पन्न हो रही है.

धार्मिक और ज्योतिष दृष्टि से अत्यधिक गर्मी, वर्षा, आंधी सभी से मिलने वाले शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में बताया गया है. आइये जानते हैं रावण दहन के बीच बारिश होना शुभ या अशुभ किस बात का है संकेत.

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जब भी किसी विशेष अवसर पर बारिश होती है तो, शुभ-अशुभ तौर पर इसकी व्याख्या की जाती है. हालांकि रावण दहन के समय बारिश होने का शास्त्रों में सीधे तौर पर कोई उल्लेख नहीं मिलता है. लेकिन जनमान्यताओं और लोक परंपराओं के आधार पर कुछ धारणाएं जरूर हैं जैसे-

  • कहा जाता है कि जब बुराई और अधर्म के प्रतीक रावण को जलाया जाता है और इस समय यदि बारिश हो तो इसे अच्छा माना जाता है. यह देवताओं की प्रसन्नता का संकेत है. इससे वातारण भी शुद्ध और सकारात्मक होता है.
  • जल को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में रावण दहन के समय बारिश होना रावण के साथ-साथ मानव के भीतर के अहंकार और क्रोध को भी शांत करता है.
  • मान्यता है कि, बारिश होना प्रकृति की ओर से एक उत्सव है. जब बारिश होती है तो चारों और ऐसा नजारा होता है, जैसे मानो प्रकृति भी अर्धम और अहंकार के अंत का जश्न मनाते हुए विजय का स्वागत कर रही हो.
  • कई जगहों पर अत्यधिक बारिश के कारण रावण का पुतला जलने से पहले ही नष्ट भी हो गया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग टिप्पणियां भी सामने आ रही है. कुछ लोगों ने कहा कि- रावण का अंत इंद्र देव ने ही कर दिया. जल के नहीं तो जल से मरा रावण.

बारिश होना सौभाग्य और समृद्धि का सूचक माना जाता है. लेकिन हल्दी या बूंदाबादी बारिश को ही शुभ माना जाता है. लेकिन बारिश अगर बहुत तेज हो, जिससे कि रावण दहन में बाधा उत्पन्न हो रही हो तो इसे लोग भविष्य में आने वाली चुनौतियों का संकेत भी मानते हैं.

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