Ravan Dahan Muhurat 2023 LIVE: विजयादशमी आज, जानें रावण दहन का शुभ मुहूर्त और शस्त्र पूजा क्यों है जरुरी

Ravan Dahan Muhurat 2023, Dussehra Ravan Dahan Time: आज मनाया जाएगा दशहरा, जानें रावण दहन का मुहूर्त, विजय मुहूर्त और इससे जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी.

एबीपी लाइव Last Updated: 24 Oct 2023 08:35 PM
Dussehra Rituals: इन 5 जगह नहीं होता रावण दहन

मध्यप्रदेश का मंदसौर रावण का ससुराल माना गया है, रावण की पत्नी का मंदसौर से खास ताल्लुक था. यूपी का बिसरख रावण का ननिहाल है. वहीं राजस्थान के मंदोर में रावण-मंदोदरी का विवाह हुआ था. कर्नाटक के कोलार में भी रावण देवता माना गया है. इन जगह पर रावण को पूजा जाता है. वहीं हिमाचल के बैजनाथ में  मान्यता है कि यहां रावण दहन करने पर अप्रिय घटना होने लगती है.

Ravan Dahan Upay: रावण दहन के समय करें नारियल का ये टोटका

रोग-शोक से मुक्ति पाने के लिए दशहरा पर रावण दहन से पहले एक नारियल को रोगी के सिर से 7 बार वारकर रावण दहन की अग्नि में डाल दें. मान्यता है इससे गंभीर बीमारी से छुटकारा मिलता है.

दशहरा पर पंचक, रावण दहन में बरतें ये सावधानी

दशहरा पर आज पंचक भी शुरू हो गए हैं. ये अग्नि पंचक हैं. ऐसे में इस दौरान रावण के साथ 5 पुतलों का भी दहन करें.इसके साथ ही लकड़ी और लकड़ी से बने सामान न खरीदें. दक्षिण दिशा की ओर जाना भी मना होता है.

Dussehra and Neelkanth Bird Relation: दशहरा पर नीलकंठ पक्षी देखने का महत्व

अश्विन शुक्ल दशमी तिथि के दिन श्रीराम ने शाम के समय शमी की पत्तियों को स्पर्श किया था और इसके साथ ही नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे. इसके पश्चात, भगवान श्री राम को रावण को परास्त करने में सहायता मिली थी. यही वजह है कि दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना विजय प्राप्ति का संकेत देता है.

Vijayadashmi 2023 Wishes: विजयादशमी की शुभकामनाएं


Ravan Dahan Ashes: रावण दहन की राख बना सकती है मालामाल

रावण दहन के बाद उसकी थोड़ी सी राख को एक कागज में घर ले आएं, ध्यान रहें वही राख लाएं जहां मंत्रोच्चार के साथ रावण दहन किया गया है. उसके बाद राख को तिजोरी में रख दें मान्यता है इससे कंगाली दूर होती है. धन के नए स्त्रोत खुलते हैं.

Dussehra 2023 Daan: दशहरा पर इन 3 चीजों का गुप्त दान देगा लाभ

दशहरा के लिए गुप्त रुप से शाम के समय मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए मंदिर में झाड़ू दान करें. साथ ही किसी बेसहारा को अन्न-वस्त्र का दान भी करें. ऐसा करने से घर में बरकत का वास होता है. धन और समृद्धि की कभी कमी नहीं रहती

दशहरा पर धन प्राप्ति के उपाय (Dussehra 2023 Upay for Money)

आज दशहरे के दिन आप घर पर शमी का पौधा जरूर लगाएं और नियमित रूप से इसमें जल डालकर पूजा करें. साथ ही प्रत्येक शनिवार को संध्या में दीपक भी जलाएं. इससे घर पर धन की कमी या अभाव दूर हो जाती है.

दशहरा विजय प्राप्ति के लिए मंत्र (Dussehra 2023 Mantra)

श्रियं रामं, जयं रामं, द्विर्जयम राममीरयेत। 
त्रयोदशाक्षरो मन्त्रः, सर्वसिद्धिकरः स्थितः।।

रामजी से पहले इन चार शक्तिशाली योद्धाओं से हार चुका था रावण

1. सहस्त्रबाहु अर्जुन से भी हारा रावण
2. शिवजी से भी हुई थी रावण की हार
3. राजा बलि के महल में हुई थी रावण की हार
4. वानरों का राजा बालि से भी रावण की हुई थी हार

Dussehra 2023: दशहरा पर शस्त्र पूजन का महत्व

दशहरा या विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा है. लोग अपने शस्त्रों की साफ-सफाई कर उनका पूजन करते है. कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करनी चाहिए.

दशहरा 2023 शुभकामना संदेश (Dussehra 2023 Wishes)

विजय सत्य की हुई हमेशा हारी सदा बुराई है,
आया पर्व दशहरा कहता करना सदा भलाई है.



Dussehra 2023: शुभ कार्यों के लिए मांगलिक दिन है दशहरा

दशहरा के दिन को सर्वसिद्धिदायक कहा जाता है. इसलिए सभी तरह के शुभ कार्यों के लिए आज का दिन शुभ होता है. ऐसी मान्यता है कि, इस दिन जो कार्य शुरू किए जाए उसमें सफलता मिलती है. इसलिए इस दिन बच्चों का अक्षर लेखन, दुकान या घर का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, अन्नप्राशन, नामकरण, कारण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार आदि जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं.

Dussehra 2023: दशहरा पर पान का महत्व

दशहरा के दिन पान खाने, खिलाने और हनुमानजी को अर्पित करने का महत्त्व है. क्योंकि पान को मान-सम्मान, प्रेम और विजय का सूचक माना जाता है. इसलिए आज के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद दहन के बाद पान का बीड़ा खाना चाहिए. इसका एक कारण यह भी है कि, नवरात्रि के बाद मौसम में बदलाव होने के कारण संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में स्वास्थ्य की दृष्टि से भी पान का सेवन पाचन क्रिया को मजबूत कर संक्रामक रोगों से बचाता है.

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी देखने का महत्व (Neelkanth Bird On Dussehra)

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना अति शुभ माना जाता है. माना जाता है कि अगर आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है. दशहरे पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन होने से पैसों और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है.

इन राशियों के लिए शुभ है दशहरा (Dussehra 2023 Shubh Yog)

विजयादशमी के दिन आज शश राजयोग बन रहा है. इसके अलावा गुरु और शुक्र ग्रह के एक-दूसरे के सामने विराजमान होने से समसप्तक योग बना रहा है. आज बुधादित्‍य योग भी बन रहा है. राजयोगों के दुर्लभ संयोग से कुछ राशि वालों की किस्‍मत खुल जाएगी. कर्क, तुला और कुंभ राशि वालों को इसका विशेष लाभ मिलेगा.

विजयादशमी के दिन करें सुंदरकांड का पाठ

विजयादशमी के दिन मंगलवार का पड़ना एक शुभ संयोग है. इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति पर आयी हर बला टल जाती है और हर संकटों से छुटकारा मिलता है.

दशहरा के दिन करें ये उपाय (Dussehra 2023 Upay)

दशहरे के दिन अपराजिता और शमी के पेड़ से जुड़े उपाय बहुत लाभकारी माने जाते हैं. इस दिन रात के समय शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. अपराजिता के पेड़ की पूजा करने से घर में बरकत आती है.

दशहरा 2023 (Dussehra 2023)

दशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था. इसलिए इसे विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है. देशभर में अलग-अलग जगह रावण दहन होता है और हर जगह की परंपरा बिल्कुल अलग हैं. इस दिन रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकरण के भी पुतले जलाए जाते हैं.

दशहरा 2023 शुभ योग (Dussehra 2023 Shubh Yog)

आज दशहरा पर दो शुभ योग बन रहे हैं.  रवि योग सुबह 06:27 मिनट से दोपहर 03:38 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शाम 6:38 मिनट से 25 अक्टूबर को सुबह 06:28 मिनट तक यह योग रहेगा. वृद्धि योग दोपहर 03:40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात रहेगा.

दशहरा 2023 (Dussehra 2023)

दशहरा का दिन किसी भी नए काम की शुरुवात के लिए बेहद शुभ माना गया है. दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, भूमि पूजन जैसे कार्य शुभ माने गए हैं. 

दशहरा 2023 किसी पूजा करें (Dussehra 2023 Kiski Pooja karen)

दशहरा के दिन प्रभु श्री राम के साथ हनुमान जी पूजा करने का विशेष महत्व है.
इस दिन देवी दुर्गा का स्वरुप देवी अपराजिता का भी आह्वान करें.
विजयदशमी के दिन शस्त्रों की साफ सफाई करने का विधान है और बाद में विधिवत उनकी पूजा करें.

दशहरा 2023 और मंगलवार का संयोग (Dussehra 2023 Mangalwaar Ka Sanyog)

आज दशहरा के दिन मंगलवार का अनूठा संयोग बन रहा है. इस दिन अगर आप अपनी मनोकामना पूर्ति करना चाहते हैं तो मंगलवार को दशहरे वाले दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं. इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.

दशहरा 2023 शुभकामना संदेश (Dussehra 2023 Wishes)

काल कोई भी हो हर काल की यही रीत होगी, 
हमेशा अच्छाई की बुराई पर जीत होगी.



दशहरा 2023 पर कब करें पूजा (Dussehra 2023 Kab Karen Pooja)

दशहरे वाले दिन अभिजित मुहूर्त या विजय मुहूर्त में पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है, 
घर में पूजा केवल ईशान कोण में ही करनी चाहिए. 
घर के इस कोने को अच्छी तरह साफ करें. वहां चंदन के लेप के साथ अष्टदल चक्र बनाएं.
इसके बाद पूजा आरंभ करें.

दशहरा 2023 (Dussehra 2023)

दशहरा के दिन अपराजिता और शमी के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए. ऐसा माना गया है कि अगर आप दुश्मनों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो विजयदशमी के दिन इन दोनों पेड़ों की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

विजयदशी 2023 रावण दहन मुहूर्त (Vijaydashmi 2023 Ravan Dahan Muhurat)

आज शाम सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में रावण दहन का शुभ मुहूर्त शाम 5:43 मिनट के बाद का है.
दशहरा पर रावण दहन के लिए सबसे बढ़िया समय शाम 7:19 मिनट से रात 8:54 मिनट तक का है.

दशहरा 2023 शुभकामनाएं (Dussehra 2023 Wishes)

“अधर्म पर धर्म की जीत का प्रमाण है, कथा ये श्री राम की बहुत ही महान है.''
दशहरा की शुभकामनाएं



दशहरा 2023 (Dussehra 2023)

आज 24 अक्टूबर, 2023 मंगलवार को देशभर में मनाया जाएगा दशहरा. इस दिन को विजयदशमी के नाम से मनाया जाएगा. इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंकापति रावण का वध कर विजय हासिल की थी. इस दिन को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है.

बैकग्राउंड

Dussehra 2023: दशहरा आज 24 अक्टूबर, मंगलवार के दिन पूरे देशभर में मनाया जाएगा. इस दिन प्रभु श्री राम ने लंकापति रावण का वध कर विजय हासिल की थी. दशहरा के दिन रावण दहन कर असत्य पर सत्य की विजय का पर्व मनाया जाता है. दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था, इसीलिए इस दिन को वियजदशमी के नाम से भी जाना जाता है.


रावण दहन के लिए विजय मुहूर्त


विजयदशमी के दिन विजय मुहूर्त में पूजा करना बेहद शुभ माना गया है. ऐसा माना जाता है जब आसमान में कुछ तारे दिखाई देने लगे, यह अवधि विजय मुहूर्त की होती है. अपने नाम स्वरूप विजयी प्रदान करने वाला मुहूर्त माना गया है. इस समय कोई भी पूजा या कार्य करने से अच्छा परिणाम प्राप्त होता है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने रावण को हराने के लिए युद्ध का आगाज इसी मुहुर्त में किया था.


विजयदशमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. इस दिन रावण दहन के साथ-साथ दुर्गा विसर्जन भी किया जाता है. इस बार दशहरा के दिन  30 साल के बाद दुर्लभ योग बन रहा है.


दशहरा पूजा विधि 
दशहरा की पूजा अभिजित मुहूर्त, अपराह्र काल या विजय मुहूर्त में ही की जाती है.घर में पूजा करने के लिए ईशान कोण को अच्छी तरह साफ करें. वहां चंदन के लेप के साथ अष्टदल चक्र बनाएं.अब अष्टदल चक्र के मध्य में अपराजिताय नमः मंत्र के साथ माँ देवी अपराजिता का आह्वान करें.श्रीराम और हनुमान जी का भी पूजन करें.शस्त्रों की साफ सफाई कर विधि अनुसार पूजन करें.इस दिन देवी अपराजिता की पूजा होती है, कहते हैं श्रीराम ने भी लंका पर विजय प्राप्ति के लिए मां अपराजिता की पूजा की थी.


 

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