दशहरा(Dussehra) पर्व...यानि बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार, अधर्म पर धर्म की जीत का त्यौहार. इस बार ये पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस त्यौहार पर शस्त्र पूजा(Shashtra Puja Dussehra) का खास विधान है...यहां तक कि हमारी सेना में विजयादशमी के पर्व पर शस्त्र पूजन किया जाता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है और क्या है इसका महत्व, इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं. 


दशहरे पर है शस्त्र पूजन की परंपरा


ये प्रथा कोई आज की नहीं है बल्कि सनातन धर्म से ही इस परंपरा का पालन किया जाता है. इस दिन शस्त्रों के पूजन का खास विधान है. ऐसा माना जाता है कि क्षत्रिय इस दिन शस्त्र पूजन करते हैं जबकि ब्राह्मण इस दिन खासतौर से शास्त्रों का पूजन करते हैं. साथ ही माना जाता है आज के दिन जो भी कार्य शुरु किया जाए उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है. आज भी शस्त्र पूजन की ये परंपरा प्राचीन काल से जारी है उस वक्त भी योद्धा युद्ध पर जाने के लिए दशहरे के दिन का चयन करते थे. 


हर साल भारतीय सेना करती है शस्त्र पूजा


दशहरा के दिन शस्र पूजा के महत्व का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है. कि इस दिन सेना में भी शस्त्र पूजा का विधान है. इस पूजा में मां दुर्गा की दोनों योगनियां जया और विजया की पूजा की जाती है. और फिर शस्त्र पूजन होता है. इस पूजा से हर युद्ध में जीत और सीमाओं की सुरक्षा का वचन मां से लिया जाता है. 


शस्त्र पूजा की विधि


इस दिन शस्त्रों की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है. जिसके लिए सबसे पहले सभी शस्त्रों को एक जगह पर रखा जाता है. इसके बाद पूरी विधि की जाती है - 




  • सबसे पहले शस्त्रों पर गंगाजल छिड़कते हैं.

  • सभी हथियारों को हल्दी व कुमकुम लगाया जाता है. 

  • शस्त्रों को फूल अर्पित किए जाते हैं.

  • शमी के पत्तों को शस्त्रों पर चढ़ाकर पूजा की जाती है


पूजा से नाबालिग बच्चों को रखा जाता है दूर


यूं तो हर पूजा में बच्चों को खासतौर से शामिल किया जाता है लेकिन शस्त्र पूजा की इकलौती पूजा है जिसमें बच्चों को दूर ही रखा जाता है. ताकि इन बच्चों को किसी भी तरह की हिंसक प्रवृत्तियों को प्रोत्साहन ना मिले. वहीं इस बार के शस्त्र पूजन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो दो ऐसे मुहूर्त हैं - 




  1. दोपहर - 2 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 52 मिनट तक( विजय मुहूर्त)

  2. दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से लेकर 3 बजकर 39 मिनट तक(अपराह्न मुहूर्त)