Shirdi Sai Baba: शिरडी के साईं बाबा की पूजा का बहुत महत्व है. साईं बाबा ने सबका मालिक एक है का संदेश दिया है. बाबा के दरबार में अमीर और गरीब सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. मान्यता है कि जो भक्त उन्हें श्रद्धा और विश्वास से उनकी पूजा और प्रार्थना करते हैं, तथा उनके दरबार में जाते हैं. साईं नाथ उन भक्तों के बड़े से बड़े कष्ट पलक झपकते ही दूर कर देते हैं. आइये जानें साईं नाथ की पूजा विधि व व्रत नियम.
कब से शुरू करें साईं बाबा का व्रत
शिरडी साईं बाबा का व्रत शुरू करने के लिए सबसे उत्तम दिन बृहस्पतिवार होता है. साइन बाबा के भक्तों को चाहिये कि वे इस दिन व्रत शुरू करें और उनकी विधि विधान से पूजा करें. व्रत कम से कम लगातार 9 बृहस्पतिवार रखें. व्रत फलाहार रखना उत्तम माना जाता है.
साईं बाबा व्रत पूजा विधि
गुरुवार के दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. उसके बाद घर के पूजा स्थल पर जाकर व्रत व पूजा का संकल्प लें. उसके बाद पूजा चौकी पर साईं बाबा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. तत्पश्चात गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र, पुष्प, फल आदि अर्पित करें. अब बाबा साईं नाथ के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाएं और प्रसाद में पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं. अब ‘ॐ साईं देवाय नम:’ मंत्र का 108 बार जप करें. साईं बाबा की कथा पढ़ें या सुनें. अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें. साईं बाबा को पालक और खिचड़ी बेहद प्रिय है इस लिएइसे भी प्रसाद के रूप में चढ़ा सकते हैं. पूजा के उपरांत इसे किसी गरीब और जरूरतमंद को अर्पित करें.
साईं बाबा व्रत की उद्यापन विधि
साईं बाबा के 9वें व्रत के दिन पूजा करने के उपरान्त पूजन में हुई जाने-अनजाने त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें. उसके बादव्रत का उद्यापन करें. इस दिन कम से कम पांच गरीब व्यक्तियों को भोजन कराकर यथाशिक्त दान दें.