Devshayani Ekadashi 2025: 6 जुलाई 2025 की देवशयनी एकादशी इस बार अत्यंत मंगलकारी है. यह दिन न केवल चातुर्मास की शुरुआत करता है बल्कि लक्ष्मी और विष्णु कृपा प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर भी है. जो व्यक्ति श्रद्धा से व्रत, पूजा और दान करता है, उसके जीवन में संपत्ति, सुख और स्थिरता अवश्य आती है.

पंडित सुरेश श्रीमाली के अनुसार ये संयोग आपके लिए संपत्ति, सौभाग्य और वैभव में वृद्धि लाने वाला साबित हो सकता है साथ ही मां लक्ष्मी के विशेष उपाय से धन का आगमन जीवन में बना रहेगा.

देवशयनी एकादशी 2025: तिथि, व्रत मुहूर्त और पंचांग

  • तिथि प्रारंभ: 5 जुलाई 2025, शनिवार, शाम 06:58 बजे
  • तिथि समाप्त: 6 जुलाई 2025, रविवार, रात 09:14 बजे
  • व्रत तिथि (सूर्योदय मान्य): 6 जुलाई 2025, रविवार
  • पारण मुहूर्त (व्रत खोलने का समय): 7 जुलाई को सुबह 05:29 से 08:16 तक

इस दिन से चातुर्मास की भी शुरुआत होती है, जो 1 नवम्बर 2025 (देवउठनी एकादशी) तक चलेगा. इन चार महीनों में भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में लीन रहते हैं और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है.

इस बार बन रहे हैं चार अत्यंत शुभ योग

  1. साध्य योग
  2. शुभ योग
  3. त्रिपुष्कर योग
  4. रवि योग

इन योगों में किया गया व्रत, दान, मंत्र जाप और मां लक्ष्मी की पूजा सौ गुना अधिक फलदायी मानी जाती है. ये योग संपत्ति, सुख, सौभाग्य और व्यावसायिक उन्नति के लिए अत्यंत शुभ हैं.

प्रमुख मुहूर्त

मुहूर्त  समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:08 से 04:49 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से 03:40 तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 07:16 से 07:36 तक
निशिता काल मुहूर्त  रात 12:06 से 12:46 तक

विशेष पूजन विधि: मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के लिए

लक्ष्मी पूजन सामग्री

  • कमलगट्टा, कमल, गुलाब या गुड़हल के पुष्प
  • पीली कौड़ियां
  • मखाने की खीर, दूध की मिठाई
  • तुलसी पत्र
  • हल्दी मिश्रित जल
  • गन्ने का रस

पूजन विधि

  • संकल्प लेकर देवशयनी व्रत प्रारंभ करें.
  • प्रदोष काल में श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करें.
  • श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें.
  • भोग के रूप में मखाने की खीर और दूध की मिठाई अर्पित करें.
  • पीले कपड़े में 2 हल्दी की गांठ, 1 रुपये का सिक्का और 1 पीली कौड़ी बांधकर भगवान विष्णु के चरणों में रखें.
  • पूजन के बाद यह पोटली धन रखने के स्थान पर रखें, धनागम के लिए चमत्कारी उपाय.

विशेष उपाय: घर में सुख-शांति और रुका हुआ धन पाने के लिए

  • तुलसी पर गन्ने का रस और हल्दी मिश्रित जल चढ़ाएं - रुका हुआ पैसा लौट सकता है.
  • केले के वृक्ष पर हल्दी जल, चने की दाल और गुड़ अर्पित करें - व्यापार में वृद्धि होगी.
  • पारण के बाद गरीबों को केले और अन्न दान करें - मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी.
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें- आयु, आरोग्य और आत्मिक शांति प्राप्त होगी.

FAQsQ. क्या देवशयनी एकादशी पर विवाह हो सकता है?नहीं, चातुर्मास में विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं.

Q. क्या देवशयनी एकादशी पर व्रत के साथ दान करना अनिवार्य है?शास्त्रों में दान को व्रत से भी अधिक प्रभावी कहा गया है. यह पुण्य को अक्षय बना देता है.

Q. क्या इस दिन तुलसी की पूजा करनी चाहिए?हां, भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी अनिवार्य होती है. तुलसी को गन्ने के रस और हल्दी से स्नान कराना विशेष फलदायी होता है.

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