Devshayani Ekadashi 2022 Puja Vidhi: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयानी एकादशी, हरिशयनी एकादशी जैसे अनेक नामों से जाना जाता है. हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु भूलोक से पाताल लोक चले जाते हैं और वहां वह 4 माह तक विश्राम करते हैं. इस दौरान पृथ्वी लोक की जिम्मेदारी का निर्वहन भगवान भोलेनाथ करते हैं. उसके बाद भगवान विष्णु चार माह बाद कार्तिक माह में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी तिथि को उठकर पुनः पृथ्वी लोक आते हैं. इस चार माह की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है. इस चार माह में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं. क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान किये गए शुभ कार्य का फल शुभ नहीं प्राप्त होता है.  


देवशयनी एकादशी 2022 कब है?


इस साल देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 9 जुलाई दिन शनिवार को शाम 4 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ होगी जो कि 10 जुलाई दिन रविवार को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी.


देवशयनी एकादशी पर बन रहे शुभ योग (Devshayani Ekadashi 2022 Auspicious Yogas)


पंचांग के अनुसार, इस बार देवशयनी एकादशी व्रत के दिन रवि योग, शुभ योग और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है. यह सभी योग पंचांग में बहुत शुभ योग माने गए हैं. मान्यता है कि इस योग में पूजा पाठ का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है.


पंचांग के अनुसार रवि योग 10 जुलाई को सुबह 5 बजकर 32 मिनट से सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. वहीं शुभ योग समाप्त होने के बाद शुक्ल योग प्रारंभ होगा. शुभ योग सूर्योदय के समय शुरू होगा.



 


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