घर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सें में से एक रसोईघर होता है. रसोई घर में प्रकाश की पूर्ण व्यवस्था अवश्य रखें. अन्न जल एवं अन्य खाद्यान्न को व्यवस्थित और स्वच्छता के साथ रखें. खाना बनाते समय पूर्वमुखी होना श्रेयष्कर होता है. इससे भोजन सुस्वादु और पुष्टि देने वाला बनता है. वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण-पूर्व में किचन सर्वश्रेष्ठ होता है.


आजकल घरों में किचन प्लेटफॉर्म होते हैं. ध्यान रखें, यह बिखरा हुआ न हो. अव्यवस्थित और भरा-भरा न रहे. इसे अधिकाधिक खाली रखें. प्लेटफॉर्म के ही एक हिस्से में बर्तन धोने के लिए बेसिन बना होता है. अक्सर यहां गंदे और जूठे बरतनों को इकट्ठा छोड़ दिया जाता है. रात में सोने से पहले बर्तनों को साफ किया जाना आवश्यक है. जूठे बर्तन छोड़ने से लक्ष्मीजी अप्रसन्न रहती हैं.


गृहिणियों को रात में बर्तनों को साफ कर पूरा किचन संवार कर सोना चाहिए. इससे लक्ष्मी जी तो प्रसन्न होती ही हैं. साथ ही मकड़ी, कॉकरोच और छिपकली आदि जीव बर्तनों व अन्य खाद्य सामग्रियों से दूर भी रहते हैं. साफ सफाई में उपयोग आने झाड़ू पोंछा और अन्य कपड़ों को भी नियत जगह पर व्यस्थित ढंग से रखा जाना आवश्यक है.


किचन में गंदगी और कीड़ों व अन्य जीवों के प्रभाव से राहु-केतु के रासायनिक प्रभाव का दोष बढ़ता है. ऐसे में रसोई धन धान्य और स्वास्थ्य के प्रति नकारात्मक उूर्जा को उत्पन्न करने लगती है. इससे बचाव हेतु बर्तनों को स्वच्छ और व्यवस्थित कर ही रात्रि विश्राम को जाना चाहिए.