Chaturmas 2023: 29 जून 2023 को चातुर्मास शुरू हो जाएंगे. इस साल चातुर्मास 5 महीने का होगा. ऐसे में मांगलिक कार्य के लिए लंबा इंतजार करना होगा. हिंदू धर्म में चातुर्मास की अवधि में शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. 


चातुर्मास की शुरुआत का दिन देवशयनी एकादशी से होती है और इसका अंत देवउठनी एकादशी पर होता है. क्यों चातुर्मास में ही विष्णु जी योग निद्रा में रहते हैं ? आइए जानते हैं.



चातुर्मास से जुड़ी कथा (Chaturmas Katha)


शास्त्रों के अनुसार राजा बलि ने तीनों लोकों पर अधिकार कर जमा लिया था. घबराए इंद्रदेव और सभी देवताओं ने जब बलि से छुटकारा पाने के लिए भगवान विष्णु की शरण ली तो श्री हरि ने वामन अवतार लिया और राजा बलि से दान मांगने पहुंच गए. वामन के रूप में भगवान विष्णु ने दान में राजा बलि से 3 पग भूमि मांगी. दो पग में भगवान ने धरती और आकाश नाप लिया. तीसरा पग कहां रखने के जगह नहीं बची तो राजा बलि ने अपना सिर आगे कर दिया. विष्णु जी बलि से बहुत प्रसन्न हुए.


पाताल क्यों गए विष्णु जी


राजा बलि की दानशीलता और भक्ति भाव देखकर भगवान विष्णु ने बलि से वर मांगने के लिए कहा. बलि ने भगवान से कहा कि आप मेरे साथ पाताल चलें और हमेशा वहीं निवास करें. भगवान विष्णु ने अपने भक्त बलि की इच्छा पूरी की और पाताल चले गए. इससे सभी देवी-देवता और देवी लक्ष्मी चिंतित हो उठी. देवी लक्ष्मी गरीब स्त्री बनकर राजा बलि को राखी बांधी और उन्हें अपना भाई बना लिया.


बलि को दिया वचन पूरा किया


देवी लक्ष्मी ने अपने भाई राजा बलि से  भगवान विष्णु को पाताल से मुक्त करने का वचन मांग लिया. इस प्रकार भगवन विष्णु को मुक्त करा लिया. परंतु भगवान विष्णु अपने भक्त को निराश नहीं करते. इस लिए आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक मास की एकादशी तक पाताल लोक में निवास करने का वचन दिया. यही कारण है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में निद्रासन में चले जाते हैं. 


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