Chaturmas 2022 Date, Auspicious Work: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं. इस तिथि को हर साल भगवान विष्णु चार माह के लिए पृथ्वी लोक से क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं. उसके बाद वे पुनः देवउठनी एकादशी को पृथ्वी लोक आ जाते हैं. इस चार माह की अवधि को चातुर्मास कहते हैं. चूंकि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु शयन करते हैं. इस लिए इस दौरान कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं. कार्तिक मास में देवोत्थान/ देवउठनी एकादशी पर जब भगवान विष्णु योग निद्रा से जागकर पुनः पृथ्वी लोक में आएंगे और तुलसी जी के साथ उनका विवाह होगा, उसके बाद से सारे शुभ एवं मांगलिक कार्य जैसे- विवाह संस्कार, गृह प्रवेश, तिलक, मुंडन, गौना आदि पुनः प्रारंभ होंगे और चातुर्मास खत्म होगा.


कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास 2022


पंचांग के मुताबिक़, आषाढ़ मास की शुक्ल एकादशी तिथि यानी देशयानी एकादशी 10 जुलाई को है. इसी दिन से चातुर्मास भी प्रारंभ हो रहा है. इसका समापन 4 नवंबर 2022 को होगा. इस दौरान सारे मांगलिक कार्य स्थगित रहेंगे, क्योंकि चातुर्मास में किये गए शुभ या मांगलिक कार्यों को करने से अशुभ फल प्राप्त होता है.


चातुर्मास 2022 का महत्व


चातुर्मास में सूर्य पूजा का बड़ा महत्व होता है. मान्यता है कि चातुर्मास में थाली छोड़कर पत्तल में भोजन करना चाहिए तथा चारपाई के बजाय जमीन पर सोना चाहिए. इससे भगवान सूर्यदेव अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. कहा जाता है कि चातुर्मास भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और घर में वास करती हैं. चातुर्मास की अवधि के दौरान, तुलसी पूजा करनी चाहिए तथा शाम को तुलसी पौधे पर घी का दीपक जलाना चाहिए. इससे घर में धन का आगमन होता है और दरिद्रता ख़त्म हो जाती है.



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