Chandra Grahan 2025 Live: मोक्षकाल के बाद स्नान-दान-पूजा के नियम और चंद्र ग्रहण समाप्ति के बाद क्या करें, क्या न करें? जानें
Today Chandra Grahan 2025 Timing in India LIVE: पितृ पक्ष के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा पर 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो भारत में दृश्यमान होगा. इससे जुड़ी समस्त जानकारी आप यहां देख सकते हैं.
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Chandra Grahan 2025 Time Live: 7 सितंबर को इस साल का सबसे महत्वपूर्ण चंद्र ग्रहण लग चुका है. ये भारत में दिखाई देगा. इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा भी है. 100...More
7–8 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण अब अपने अंतिम चरण मोक्षकाल (2:25 AM) में प्रवेश कर चुका है. शास्त्रों के अनुसार यह क्षण शुद्धि, पूजा और दान का अत्यंत शुभ समय है.
इस दौरान स्नान कर घर-आंगन में गंगा जल का छिड़काव करें, भगवान की आराधना करें और मंत्र-जप करें. भोजन के नियमों का पालन करते हुए ग्रहण काल का अन्न त्याग दें और ताजा भोजन ग्रहण करें. मोक्षकाल में किया गया दान विशेष पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है.
ग्रहण के दौरान रखा गया भोजन त्याग दें. मोक्षकाल के बाद स्नान और शुद्धिकरण करने के बाद ही ताज़ा भोजन ग्रहण करें.
ग्रहण मोक्षकाल के बाद अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस समय किया गया दान कई गुना फलदायी माना जाता है.
मोक्षकाल के बाद भगवान की आराधना करें. इस समय मंत्र-जप, हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्रनाम या अपने इष्ट मंत्र का जप करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
मोक्षकाल के तुरंत बाद स्नान करना आवश्यक है. इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है. गंगा जल या शुद्ध जल का छिड़काव घर-आंगन में करना शुभ माना जाता है.
ग्रहण का मोक्षकाल वह क्षण है जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया से बाहर आ जाता है. इसे शास्त्रों में शुद्धि और नई शुरुआत का समय माना गया है.
7–8 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण भारत में देर रात समाप्त होगा. यह ग्रहण 7 सितंबर की रात 8:58 बजे पेनुम्ब्रल चरण से शुरू होकर 9:57 बजे आंशिक और 11:01 बजे पूर्ण चरण में पहुंचा.
इसका चरम 11:42 बजे रहा और 12:23 बजे पूर्ण ग्रहण समाप्त हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा छाया से बाहर आता रहा. अंततः यह ग्रहण 8 सितंबर की रात 2:25 बजे पूर्ण रूप से समाप्त होगा. इस समय को ही ग्रहण मोक्ष काल कहा जाता है.
7–8 सितंबर 2025 को होने वाला चंद्र ग्रहण अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है. रात 8:58 बजे पेनुम्ब्रल चरण से शुरू हुआ यह ग्रहण 9:57 बजे आंशिक और 11:01 बजे पूर्ण ग्रहण में प्रवेश कर गया.
11:42 बजे इसका चरम रहा, जिसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा छाया से बाहर आने लगा. पूर्ण ग्रहण 12:23 बजे समाप्त होगा, जबकि आंशिक चरण 1:27 बजे खत्म होगा. अंततः ग्रहण का मोक्ष 2:25 बजे होगा, जिसके बाद चंद्रमा सामान्य रूप में दिखाई देगा.
ग्रहण के दौरान मूर्तियों या पवित्र स्थलों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. शुद्धिकरण हेतु ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धि की जाती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी. उन्हें ग्रहण का दृश्य नहीं देखना चाहिए. शास्त्रों में लिखा है कि इसका प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ सकता है.
चंद्र ग्रहण 2025 का चरम अब समाप्त हो चुका है. इस समय सबसे पहले स्नान कर स्वयं को शुद्ध करें और गंगा जल का छिड़काव करें. धार्मिक दृष्टि से यह समय जप, दान और पितरों के लिए तर्पण का होता है.
गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि अब वे सामान्य कार्य कर सकती हैं. भोजन बनाने या खाने की शुरुआत स्नान और शुद्धिकरण के बाद ही करें. यह समय आत्मिक शांति और शुभ कार्यों के आरंभ के लिए उपयुक्त माना जाता है.
ग्रहण के समय नाखून, बाल काटना या किसी नए काम की शुरुआत करना वर्जित है.
यह काल शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं होता.
- भोजन और पानी का सेवन
- ग्रहण लगने से पहले भोजन कर लेना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान खाना-पीना निषिद्ध माना गया है. केवल छोटे बच्चे, बीमार और बुजुर्ग अपवाद हैं.
- पकाए गए भोजन पर तुलसीपत्र रखने की परंपरा है ताकि सूक्ष्म कीटाणुओं का असर न हो.
- सोना नहीं चाहिए
- ग्रहण के समय सोना आलस्य और रोग बढ़ाने वाला माना गया है.
आज लगने वाला चंद्र ग्रहण साढ़े तीन घंटे के दौरान तीन बार रंग बदलेगा. पहले चरण में ग्रहण हल्का धुंधला रहेगा, दूसरे चरण में रंग हल्का नारंगी रहेगा और फिर चांद पूरी तरह से लाल दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण की शुरुआत- 09 बजकर 57 मिनट पर
खग्रास चंद्र ग्रहण- रात 11 बजकर 01 मिनट पर
चंद्र ग्रहण का मध्यकाल- रात 11 बजकर 42 मिनट पर
खग्रास चंद्र ग्रहण की समाप्ति- देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर
चंद्र ग्रहण समाप्त- देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर
चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 8:58 बजे पर होगी. लेकिन इस समय हल्का-सा धुंधलापन रहेगा, जो दिखाई नहीं देगा. वहीं वास्तविक या दृश्यमान चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से शुरू होगा और यही मान्य भी रहेगा. इस समय चांद पृथ्वी की गहरी छाया में प्रवेश करेगा और ग्रहण साफ दिखाई देगा.
ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण रुंभ राशि में लग रहा है. कुंभ के साथ ही कन्या, वृषभ, मकर और मीन राशि वाले विशेष सावधानी बरतें.
चंद्र ग्रहण लगने का समय नजदीक आ रहा है और इसी के साथ लोगों में लाल चांद को देखने की बेसब्री भी बढ़ती जा रही है. बता दें कि चंद्र ग्रहण रात 09:58 पर लगेगा और ब्लड मून रात 11 बजे के बाद नजर आएगा.
हां, आप चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं. इसमें कोई खतरा नहीं है. लेकिन सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार- मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातक चंद्र ग्रहण न देखें. क्योंकि आपके लिए ग्रहण हानिकारक हो सकता है.
आज 7 सितंबर को रात 09:58 पर ग्रहण शुरू हो जाएगा, वहीं 11 बजे के बाद ब्लड मून दिखाई देगा.
चन्द्रग्रहण के कारण श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला मंदिर के पट बंद हो गए हैं जोकि अब कल प्रातः काल मंगला आरती के समय खुलेंगे.
रात्रि में चंद्र ग्रहण लगेगा, जिसका सूतक 9 घंटे पहले ही लग चुका है. इसलिए ग्रहण काल से पहले गंगा घाट में दिन में ही मां गंगे की आरती की गई.
ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:58 से शुरू हो चुका है. वहीं रात 09:58 पर चंद्र ग्रहण की शुरुआत होगी. सूतक लगते ही पूजा-पाठ जैसे कार्यों पर भी प्रतिबंध लग गया है.
भारत में 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण लगने के कारण राजस्थान के रिंगस शहर में स्थित खाटू श्याम मंदिर 6 सितंबर की रात 10 बजे से 8 सितंबर की शाम 5 बजे तक बंद रहेगा.
अधिक जानकारी के लिए आर्टिकल पर क्लिक करें- 6 से 8 सितंबर को बंद रहेगा खाटू श्याम मंदिर! दर्शन करने से पहले जान लें ये जरूरी खबर!
चंद्र ग्रहण 2025 का प्रभाव राशियों अनुसार जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-
Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सभी राशियों पर इसके प्रभाव!
सूतक काल की शुरुआत: 7 सितंबर, दोपहर 12 बजकर 19 मिनट पर
सूतक काल की समाप्ति: 8 सितंबर, रात 1 बजकर 26 मिनट
ग्रहण काल की शुरुआत: 7 सितंबर 2025, रात 9 बजकर 58 मिनट
ग्रहण काल की समाप्ति: 8 सितंबर 2025, रात 1 बजकर 26 मिनट पर
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आज चंद्रग्रहण से पहले ही मां गंगा आरती की गई. देखें वीडियो-
दिल्ली के प्रसिद्ध बिड़ला मंदिर के पुजारी पंडित लाल चंद शर्मा ने चंद्र ग्रहण को लेकर बताया कि, आज 2025 का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्रग्रहण रात्रि के समय शुरू होगा... जानिए उन्होंने क्या कहा-
चंद्र ग्रहण 2025 पर पुजारी महेंद्र नाथ से जानिए ग्रहण का सही समय, बचाव और राशियों पर प्रभाव के बारे में, देखें वीडियो-
ग्रहण काल के दौरान दंतधावन या ब्रश करना अशुभ होता है.
ग्रहण काल में किसी जीव-जंतुओं को मारना भी घोर पाप होता है. ऐसा करने पर आपको मरने के बाद नर्क में यातनाएं झेलनी पड़ती है.
ग्रहण काल के दौरान शौच या मूत्रत्याग करने से भी शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
ग्रहणकाल में सोने वाला व्यक्ति रोग का शिकार होता है.
चंद्रग्रहण के कारण मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के द्वार बंद होने से पहले भक्तों ने की पूजा अर्चना. मंदिर के द्वारा बंद होते हुए देखें वीडियो-
संत आशाराम बापू के मुताबिक ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का नया कार्य या शुभ काम नहीं होता है. ग्रहण काल में सोने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्रता, मल त्यागने से कीड़ा, सहवास करने से सुअर और उबटन लगाना अशुभ होता है.
आज भारत समेत दुनिया भर के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. ये ग्रहण रात 9 बजकर 57 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 1 बजकर 26 मिनट तक रहने वाला है. ग्रहण काल के दौरान नियम पालन करने के साथ जप साधना करने से ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है. ग्रहण के सयम गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सर्व हितकारी होगा.
ज्योतिषशास्त्र बताते हैं कि पुराणों में चंद्र ग्रहण का काल अशुभ है. चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है. जब यह ग्रहण ग्रस्त होता है तो मानसिक अस्थिरता का कारण बनता है. अतः ग्रहण के समय जप,ध्यान,मौन और प्रभु सिमरन करना चाहिए.
घर और वातावरण को साफ रखें.
- स्वच्छ होकर ही भोजन पकाएं
- किसी भी तरह के धार्मिक या शुभ काम न करें.
खान-पान का रखें विशेष ध्यान
- ग्रहण काल में भोजन करने की मनाही है, इसलिए सूतक शुरू होने से पहले ही भोजन कर लें.
- खान-पान से जुड़ी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल दें.
धार्मिक क्रियाएं और मंत्रों का जाप
- सूतक काल शुरू होते ही शुभ कार्य या पूजा का आयोजन न करें.
- अगर पूजा करनी है तो ग्रहण से पहले ही कर लें.
- भगवान और पूर्वजों का ध्यान करें और रुद्राक्ष पहनें साथ ही मंत्रों का जाप करें.
भावनाओं पर काबू रखें
- ग्रहण काल के दौरान दुषित भावनाओं को मन में उत्पन्न नहीं होने दें.
- घर के बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है.
- घर के किसी भी सदस्य के साथ गलत व्यवहार नहीं करें.
सूतक समाप्त होने के बाद घर साफ करें.
- इसके बाद स्नान करें.
- भोजन ग्रहण समाप्त होने के बाद ही करें.
पूर्ण रूप से कहां दिखाई देगा?
एशिया
पश्चिम ऑस्ट्रेलिया
पूर्वी अफ्रीका
यूरोप के कुछ क्षेत्रों में पूर्ण दृश्यता
आंशिक रूप से कहां दिखाई देगा (Partial visibility)
अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर क्षेत्रों में
कहां नहीं दिखाई देगा चंद्र ग्रहण (Not visible)
7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण पूरे अमेरिका में नहीं दिखाई देगा क्योंकि वहां चंद्रमा ग्रहण के समय क्षितिज के नीचे होगा.
इस बार एक पक्ष में सूर्य और चंद्र दो ग्रहण लगने जा रहे हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है.
इन 15 दिनों में गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है.
ग्रहण काल के दौरान प्रेग्नेंट औरतों को बाहर निकलने से बचना चाहिए.
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
ग्रहण काल के दौरान पेट पर गेरु लगाकर रखें और ग्रहण के बाद स्नान करें.
चंद्र ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का पाठ करने से ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है.
महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेन्यां भर्गो॑ देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥
सूतक काल में भोजन नहीं करना चाहिए.
सूतक काल में सोना या शारीरिक संबंध बनाना भी गलत होता है.
मंदिर नहीं जाना चाहिए.
किसी भी तरह के नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए.
ब्रह्माणों को सूतक काल के दौरन भोजन न कराएं.
नाखून या बाल काटने से बचें.
बाहर घूमने जाने से बचें.
मांसहार या तामसिक भोजन न करें.
मंत्रजाप और भगवान की प्रार्थना करें.
धार्मिक ग्रंथों और गीता का पाठ करें.
भजन कीर्तन का आनंद उठाएं.
जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें.
भोजन-पानी की सभी वस्तुओं में तुलसी का पत्ता डाल दें.
सूतक काल के दौरान मन में किसी भी तरह का गलत विचार या भाव मन में न आने दें.
सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाएं विशेष तौर पर भगवान का नाम जप करने के साथ भजन सुनें.
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर
राजस्थान बीकानेर जिला का लक्ष्मीनाथ मंदिर
केरल का थिरुवरप्पु श्री कृष्ण मंदिर
बिहार स्थित गायजी का विष्णु मंदिर
काशी विश्वानाथ मंदिर जो पूरे सूतक काल में खुला रहेगा, लेकिन ग्रहण के करीब 2.5 घंटे पहले मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे.
भारत से अगले साल पूर्ण चंद्र ग्रहण 3 मार्च, 2026 को दिखाई देगा. वहीं, इससे पहले आखिरी बार चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, 2023 को आंशिक चंद्र ग्रहण के रूप में देखा गया था.
आज लगने वाले चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहने वाली है.
7 सितंबर 2025, रविवार को लगने वाला ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है. ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर लगेगा.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के मुताबिक चंद्र ग्रहण का प्रभाव विश्व स्तर पर देखने को मिलेगा. ग्रहण के प्रभाव से 2 राष्ट्रों के बीच तनाव की स्थिति, राष्ट्र अध्यक्षों के बीच वाक् युद्ध,आम जनमानस की सेहत प्रभावित, सुख की कमी, नए रोगों का उत्पन्न होना, आपसी मतभेद, राजनीतिक दलों में कटुता का भाव, बड़े वाहन की दुर्घटना की स्थिति, भारतीय रूपयों का गिरना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.
ब्लड मून एक खगोलीय घटना है, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान दिखाई पड़ता है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिसके कारण चांद का रंग लाल हो जाता है, उसे ब्लड मून कहते हैं.
सितंबर 2025, रविवार को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत के इन शहरों में दिखाई देगा-
- उत्तर भारत में दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर और लखनऊ
- पश्चमि भारत की बात करें तो मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
- दक्षिण भारत में चैन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि में दिखाई देगा.
- पूर्व भारत में कोलकाता, भुवनेश्वर और गुवाहटी में.
- सेंट्रल भारत में भोपाल, नागपुर और रायपुर में दिखाई देगा.
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने कहा कि, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के खत्म होने के साथ समाप्त होगा.
- सूतककाल में भगवान की पूजा करने की मनाही होती है.
- देशभर के तमाम मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे.
- सूतक काल शुरू होने के बाद से ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. मानसिक जप यानी मन में ही करें.
- चंद्र ग्रहण के दिन गायों को हरी घास भी खिलाएं.
आज चंद्र ग्रहण का लाइव प्रसारण कई यूट्यूब चैनलों पर दिखाया जाएगा. आप इसे टाइम एंड डेट के यूट्यूब चैनल पर लाइव देख सकते हैं. इस चैनल पर ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग रात 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी.
ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें- ग्रहण काल के दौरान महिलाओं को बाहन नहीं निकलना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण की किरणें शरीर और मन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां- ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को सावधानियां बरतने की जरूरत है. इस दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें और धारदार वस्तुएं (चाकू, कैंची, सूई) का इस्तेमाल करने से बचें. ताकि बच्चे पर गलत असर न पड़ें.
पूजा पाठ और मंत्र जाप- ग्रहण के दौरान महिलाओं को घर में ही रहकर पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
तुलसी और कुश का इस्तेमाल- मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी पत्र या कुश डाल देने से ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
ग्रहण समाप्ति के बाद नहाएं- ग्रहण खत्म होने के बाद साफ-सफाई और उसके बाद ही भोजन करना चाहिए.
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे. इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है. इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी.
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे. इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है. इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी.
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास से जानिए ग्रहण का प्रभाव राशियों अनुसार-
- मेष: सुखद लाभ देखने को मिलेगा.
- वृषभ: सुखप्रद रहेगा.
- मिथुन: कष्टप्रद रहेगा.
- कर्क: पीड़ादायक रहेगा.
- सिंह: मानसिक चिंता रहेगी.
- कन्या: विकासप्रद सुखद रहेगा.
- तुला: प्रवास चिंतन, चिंता कारक रहेगा.
- वृश्चिक: चिंता, कष्टप्रद रहेगा.
- धनु: धनलाभ रहेगा.
- मकर: अपव्यय धन हानि की संभावना है.
- कुंभ: हानिकारक की संभावना है.
- मीन: आर्थिक नुकसान होने के योग है.
चंद्रग्रहण का आरंभ: रात 9 बजकर 57 मिनट पर
खग्रास आरंभ: रात 11 बजकर 1 मिनट पर
ग्रहण का मध्यकाल: रात 11 बजकर 42 मिनट से
खग्रास समाप्त: रात 1 बजकर 23 मिनट पर
चंद्र ग्रहण का समापन: रात 1 बजकर 26 मिनट पर
चंद्र ग्रहण पर वाराणसी के धार्मिक स्थलों के बंद होने वाले कपाट और पूजन में बदलाव से जुड़ी जानकारियां
वाराणसी के सबसे प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर में कपाट चंद्र ग्रहण से ठीक 2 घंटे पहले बंद होगा. चंद्र ग्रहण की अवधि रात्रि 9:57 से रात्रि 1:27 तक है. संध्या आरती श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती अपने निर्धारित समय से पहले संपन्न कराई जाएगी.
वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध गंगा घाट पर होने वाली आरती को दोपहर 12:00 बजे ही संपन्न करा दिया जाएगा.
वाराणसी के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे काल भैरव मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, संकठा देवी मंदिर को दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे के मध्य में बंद कर दिया जाएगा.
चंद्र ग्रहण की वजह से जयपुर के मंदिरों में आज दोपहर 12:57 से सूतक लगेगा और गर्भ गृह की मूर्तियों को या तो परदे से ढक दिया जाएगा या फिर कपाट ही बंद कर दिए जाएंगे।
7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण के कारण श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन अपराहन 12.30 बजे बंद हो जाएंगे. अगले दिन 8 सितंबर 2025 को मंगला और श्रृंगार आरती के साथ ही नियम समय से दर्शन शुरू होगा.
- पूर्णिमा पर स्नान मुहूर्त - 7 सितंबर 2025, सुबह 04:31 से 05:16 तक
- सत्यनारायण कथा मुहूर्त - 7 सितंबर 2025, सुबह 07:36 से दोपहर 12:19 तक
- इस दिन चंद्रमा की पूजा नहीं होगी, क्योंकि उस दौरान ग्रहण रहेगा.
कन्या राशि - शत्रु परास्त होंगे. आर्थिक रूप से संपन्नता आएगी. मनचाहा ट्रांसफर मिल सकता है.
धनु राशि - पुराने अटके काम पूरे होंगे. अचानक से धन लाभ हो सकता है.
मेष राशि - वैवाहिक जीवन में चल रही समस्या का अंत होगा. परिवार का सहयोग मिलेगा.
- वृषभ राशि - स्वास्थ की समस्या से मन परेशान रहेगा. बिजनेस में घाटा हो सकता है. धन संकट के कारण उधार लेना पड़ सकता है.
- तुला राशि - वाहन चलाते समय सावधानी रखें. दुर्घटना के योग हैं. घर से दूर काम करने वाले लापरवाही से बचें नहीं तो पैसों के साथ नौकरी में भी नुकसान हो सकता है.
- कुंभ राशि - परिवार में विवाद हो सकता है. लेन-देन के मामले में सतर्क रहें. गाड़ी संभलकर चलाएं. बिजनेस में कोई अपना धोखा दे सकता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- प्रेग्नेंट महिलाएं इस समय चाकू और कैंची का प्रयोग बिल्कुल भी न करें. बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.
- ग्रहण काल के समय सोएं नहीं, भजन या मंत्रों का जाप करें.
- 7 सितंबर का चंद्र ग्रहण ज्योतिषियों के अनुसार भारत की राजनीति के लिए शुभ नहीं माना जा रहा.
- सत्ता में बड़ा बदलाव हो सकता है. जनता और सरकार के बीच किसी बड़े मुद्दे पर टकराव की स्थिति बन सकती है.
- प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, बाढ़ और आगजनी की घटनाएं बढ़ने की संभावना है.
चंद्र ग्रहण का स्पर्श 9.58 पर होगा लेकिन रात 11 बजे पूर्ण चंद्र ग्रहण लग जाएगा. वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखने के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती और इसे नंगी आंखों, दूरबीन या टेलीस्कोप से देखा जा सकता है.
7 सितंबर की रात करीब 82 मिनट तक चंद्रमा सुर्ख लाल दिखाई देगा. दरअसल जब पृथ्वी सीधे सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो उसकी सबसे गहरी छाया जिसे अम्ब्रा कहते हैं. चांद की सतह पर पड़ती है, इसी कारण चंद्रमा लाल दिखाई देता है. इसे Blood Moon कहा जा रहा है. 2022 के बाद का सबसे लंगा चंद्र ग्रहण होगा़. खगोल विशषज्ञों के मुताबिक इसके बाद ऐसे नजारे के लिए 31 दिसंबर 2028 तक इंतजार करना होगा.
चंद्र ग्रहण भारत के अलावा न्यूजीलैंड, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, पश्चिमी दक्षिण और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी नजर आएगा.
चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले लग जाता है. ऐसे में 7 सितंबर को ग्रहण से पहले दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर सूतक लग जाएगा. सूतक से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक बेहद सावधानी रखना चाहिए.
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