Chanakya Niti: कलयुग में अपने और पराए की पहचान करना बहुत जरूरी है अन्यथा व्यक्ति हर कदम पर धोखा खा सकता है. चाणक्य नीति में कई ऐसी बातों का उल्लेख है जिससे लोगों की पहचान करने और सही गलत की समझ रखने की सीख मिलती है. इन नीतियों को अपनाकर व्यक्ति कई मुसीबतों से बच सकता है. चाणक्य के अनुसार करीबियों की पहचान करना है तो उन्हें इन 3 चीजों के आधार पर परखना चाहिए. इससे  व्यक्ति फ्यूचर में धोखा खाने से बच सकता है.


यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।


तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।


स्पष्टवादी


चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को उसके गुणों के आधार पर परखना चाहिए. घमंड, स्वार्थ से परिपूर्ण इंसान कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि स्पष्टवादी व्यक्ति दूसरों की नजर में जरूर बुरा बन जाए लेकिन उसका मन काला नहीं होता. साफ और स्पष्ट बोलने वाला व्यक्ति जो दिल में होता है वही कहता है. उसकी बातों में कोई छल नहीं होता. ऐसे लोग गलत बात नहीं सुन सकते, वो बराबरी से जवाब देते हैं. लोगों के सामने स्पष्ट शब्दों में अपनी बात रखें अगर वो अपना हुआ तो समझ जाएगा, नहीं तो मुंह मोड़ लेगा.


त्याग


चाणक्य के अनुसार दोस्त, रिश्तेदार या किसी अन्य व्यक्ति को परखना है तो उसमें त्याग भावना देखें. जो व्यक्ति दूसरों के सुख के लिए स्वंय के सुख का त्याग कर सकता है वो आपको कभी धोखा नहीं देगा. वहीं जो इंसान दुख के समय आपके साथ न खड़ा हो ऐसे लोगों से फौरन दूरी बना लें, क्योंकि अपनों की पहचान संकट के समय ही होती है.


चरित्र-कर्म


जिनका आचरण यानी की जो मन में दूसरों के प्रति गलत भावना नहीं रखते वो सदैव आपको धोखा नहीं दे सकते. जो लोग दूसरों के लिए गलत सोचते हैं, उनके कर्म भी वैसे ही होते हैं. ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए किसी के साथ भी छल कर सकता है.


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