Chanakya Niti: व्यक्ति का व्यवहार की उसकी सबसे बड़ी पूंजी है. व्यवहार से व्यक्तित्व की पहचान होती है. आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के व्यवहार को लेकर कई विचार साझा किए हैं. चाणक्य की नीतियां उनके अद्भुत ज्ञान का भंडार है जो न सिर्फ व्यक्ति का मार्गदर्शन करती हैं बल्कि बुलंदियों तक पहुंचे के अचूक तरीके बताती हैं. मनुष्य को मुश्किल घड़ी में कैसा व्यवहार करना चाहिए इस विषय पर चाणक्य ने अपने ज्ञान की रोशनी डाली है. चाणक्य बताते हैं कि संकट के समय अगर व्यक्ति का व्यवहार समय और परिस्थिति के हिसाब से सही होगा तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. आइए जानते हैं.


तावद् भयेषु भेतव्यं यावद्भयमनागतम् ।


आगतं तु भयं दृष्टवा प्रहर्तव्यमशङ्कया ।।


संयम-समझदारी है ताकत


किसी भी लड़ाई को जीतने के लिए संयम और समझदारी बहुत जरूरी है. समझदारी के साथ ही संयम बनाए रखने के गुर आते है. संकट की घड़ी में उचित सलाह, ज्ञान, अनुभव और हौंसले से ही आपकी ताकत बनते हैं. विपरीत हालातों में इन चीजों को कभी नजरअंदाज न करें. ऐसे समय में डरे नहीं धैर्य रखें और विपत्तियों से निपटने का उपाय निकालें. इसी से आपको सफलता प्राप्त होगी. मुसीबत के समय भय आपकी सबसे बड़ी कमजोरी बन सकता है, इसलिए इसे खुद पर हावी न होने दे वरना बड़ी तो क्या छोटी-छोटी परेशानियों से निपटने में भी आप नाकामयाब रहेंगे.


कमी न निकालें


जब दुश्मन (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) सिर पर मंडरा रहा हो तो ऐसे में एक दूसरे की गलती निकालने की बजाय एक दूसरे पर भरोसा करें. गलतियां गिनाने से सिर्फ वक्त बर्बाद होता है इसलिए ऐसे समय में गंभीरता से काम लें और तमाम प्रयासों पर विचार मुसीबत से लड़ने का मार्ग ढ़ूंढें. परेशानियों ने जब चारों तरफ से घेर रखा हो तो व्यक्ति को इन दो चीजों पर गौर करना चाहिए, समस्या का समाधान निकालने में आसानी होगी और कामयाबी हासिल कर पाएंगे.


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