Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है. आज भी चाणक्य की नीतियां बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाओं का मार्गदर्शन कर रही है. चाणक्य कहते हैं कि हालात जैसे भी हो व्यक्ति की सोच ही हर समस्या का समाधान निकाल सकती है इसलिए सदा सकारात्मक रहें. जिन लोगों के विचार सकारात्मक होते हैं, उन्हें मुश्किल कामों में भी मिल जाती है सफलता.


चाणक्य ने सफलता पाने के लिए एक श्लोक में मुर्गे के चार महत्वपूर्ण गुणों का जिक्र किया है. अगर मनुष्य मुर्गे की इन चार आदतों को अपना ले तो कामयाबी मिलना तय है.


प्रत्युत्थानं च युद्ध च संविभागं च बन्धुषु।


स्व्यमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।


सूर्योदय से पहले जागना


ब्रह्म मुहूर्त में उठना न सिर्फ स्वास्थ के लिए अच्छा है बल्कि ये आपके लक्ष्य प्राप्ति की पहली सीढ़ी है. मुर्गा रोजाना सूरज निकलने से पहले उठतकर बांग देता है. उसी प्रकार जो व्यक्ति सुबह सही वक्त पर उठते हैं वह अपने कार्य को समय से पूरा करने में कामयाब होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि सुबह जल्दी उठने से मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे वह दिनभर ऊर्जावान रहकर अपना काम सही ढंग से कर पाता है.


डटकर मुकाबला करना


चाणक्य कहते हैं कि अगर आप सफलता का आनंद लेना चाहते हैं तो हमेशा सर्तक और समस्याओं को स्वीकार करना सीखें. इनसे पार पाने के लिए डटकर हर बाधा का सामना करें.  जिस तरह मुर्गा हमेशा सचेत रहता है, शत्रु की भनक लगते हैं युद्ध के लिए तैयार हो जाता है और फिर लड़ाई में पीछे नहीं हटता, उसी तरह हर मुसीबतों से घबराएं नहीं. जो व्यक्ति संकट आने पर उसका डटकर मुकाबला करता है, सफल वही होता है.


मेहनत का खाना


ईमानदारी और परिश्रम से जो धन मिले उसी में संतुष्ट रहना चाहिए. ये जीवन में सुख-शांति लाते हैं. मेहनत की कमाई भले ही कम हो लेकिन ये सुख और सम्मान की होती है. दूसरों पर निर्भर न हो. मुर्गे अपना पेट भरने के लिए खुद मेहनत करते है. चाणक्य कहते हैं कि जिंदगी में मेहनत से मिले फल का स्वाद किसमत से मिले फल के स्वाद से ज्यादा मीठा होता है.


लोभ से दूर रहें, दूसरों का हिस्सा न लें


चाणक्य कहते हैं कि जो लालच से परे होकर परिवार और रिश्तेदारों को उनके हिस्से की चीजें खुशी-खुशी दे देता है वह जीवन में खूब तरक्की करता है. यही मुर्गे का चौथा गुण है. मुर्गा हमेशा अपने समूह के साथ मिल बांटकर खाता है. चाणक्य कहते हैं कि अपने परिवार, काम और मित्रों के बीच सही संतुलन होगा तो जिंदगी में कामयाबी की राह आसान बनती जाएगी.


Chanakya Niti: परिश्रम और अनुशासन के साथ यदि है ये एक चीज तो, लिखकर रख लें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है


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