Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है. हर व्यक्ति का सपना होता है कि समाज में उसकी गिनती सफल व्यक्तियों में की जाए. इसलिए व्यक्ति सफल होने के लिए दिन रात मेहनत करता है. कई चीजों का त्याग कर अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर परिश्रम करता है.


चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि सफल होने के लिए हर व्यक्ति अपने अपने स्तर से प्रयास करता है लेकिन कई बार सफलता नहीं मिलती है. असफल होना किसी को भी अच्छा नहीं लगता है. इसलिए सफल होने के लिए व्यक्ति कई तरह के प्रयास करता है. लेकिन क्या आपको मालूम है दो चीजों से भी सफलता प्राप्त की जा सकती है. आचार्य चाणक्य की मानें तो इन दो चीजों को जिसने अपने भीतर उतार लिया उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.


कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं
चाणक्य के अनुसार सफलता का पहला मंत्र परिश्रम है. परिश्रम से जिसने भी बचने की कोशिश की सफलता उससे दूर हो जाती है. सफलता उसे ही अपनाती है जो कठोर परिश्रम करता है. लगातार अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर रहता है. दिन रात उसी के बारे में सोचता है. लक्ष्य को पाने के लिए जब तब व्यक्ति में जुनून और समर्पण का भाव जागृत नहीं होगा, सफलता मिलना मुश्किल है. इसलिए कठोर परिश्रम करें और जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए तब तक निरंतर कार्य करते रहना चाहिए.


योजनाओं का खुलासा न करें
चाणक्य के अनुसार जीवन में सफल होना है तो एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि कभी भी अपनी योजना और कार्य योजना का खुलासा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से सफलता कम असफलता मिलने की संभावना अधिक होती है. क्योंकि जब आप बड़ा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ते हैं तो कई प्रकार के शत्रु बाधा पहुंचाने की कोशिश करते हैं. शत्रुओं को यदि आपकी योजनाओं के बारे में पता चज जाएगा तो वे मार्ग में बाधा पैदा करने की कोशिश करेंगे. इसलिए चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्य को भेदने में सफलता हासिल करनी है तो सर्तकता बरतना बहुत ही जरूरी है.


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