Chanakya Niti: चाणक्य के सिद्धांत आज भी व्यक्ति को सही-गलत का अंतर करने की शिक्षा देते हैं. कलयुग में कौन अपना है कौन पराया, किस पर भरोसा करें, कौन पीठ पीछे वार कर सकता है अगर व्यक्ति को इसकी जानकारी हो तो वह कई धोखा खाने से बच सकता है. इन सभी पहलूओं पर चाणक्य ने बखूबी अपने विचार शेयर किए हैं. चाणक्य ने बताया है कि एक सज्जन व्यक्ति की क्या पहचान होती है. आइए जानते हैं.

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प्रलये भिन्नमार्यादा भविंत किल सागर:

सागरा भेदमिच्छन्ति प्रलेयशपि न साधव:।

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  • आचार्य चाणक्य के अनुसार सज्जन व्यक्ति की सबसे बड़ी खूबी है उसका धैर्य. श्लोक के जरिए चाणक्य कहते हैं समुद्र भी प्रलय आने पर अपनी मर्यादा लांघ देता है और किनारों को तोड़ता हुआ तबाही मचा देता है, जल-थल एक हो जाते हैं लेकिन सज्जन व्यक्ति बड़े से बड़े संकट और विपरित परिस्थितियों में भी अपना धैर्य नहीं खोते और मर्यादा बनाए रखते हैं. सजन्नता की धैर्य ही व्यक्ति को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाता है. मनुष्य को सफलता के लिए सिर्फ मेहनती ही नहीं दृढ़ निश्चय और धैर्यवान बनने की भी जरूरत है.
  • सज्जन वही है जो किसी भी बुरे हालातों में गंभीरता को न त्यागे. सज्जनता की पहचान उसके व्यक्ति के आचरण और व्यवहार पता की जा सकती है. चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी ईमानदारी से समझौता नहीं करता वह सज्जनता की श्रेणी में पहले पायदान पर आता है. सज्जन व्यक्ति कभी अपने मुंह से अपने गुणों का बखान नहीं करता है. उसके कर्म और अच्छा बर्ताव ही उसे सम्मानीय बनाते हैं.
  • जिम्मेदारियों का निवर्हन करना मनुष्य का कर्तव्य है लेकिन चाणक्य के अनुसार एक सज्जन व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ रिश्तों का मोल समझता है और निस्वार्थ भावना से उन्हें एक धागे में बाधे रखने के लिए हर संभव प्रयास करता है. जो हर रिश्ते को पूरे दिल से निभाते हैं, उनमें भेदभाव नहीं रखते ऐसे लोग हर जगह पूजे जाते हैं.

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