Safalta Ki Kunji: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि मनुष्य के जीवन का एक उद्देश्य लोगों की सहायता करना भी है. जो लोग दूसरों की सहायता के लिए सदैव (हमेशा) तैयार रहते हैं उन्हें जीवन में उच्च स्तर की सफलता प्राप्त होती है.


गीता में भगवान श्रीकृष्ण भी अर्जुन को परोपकार और लोक कल्याण की भावनाओं के महत्व से अवगत कराते हैं. भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि  जो व्यक्ति अपना जीवन दूसरों की सेवा और कल्याण के लिए समर्पित कर देता है वो ईश्वर का सबसे प्रिय होता है. विद्वानों की मानें तो जो व्यक्ति हर संभव तरीके से दूसरों की मदद के लिए तैया रहता है उसे भगवान का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है. 


मदद करने का अवसर हाथ से न जानें दें
विद्वानों की मानें तो समझदार और योग्य व्यक्ति वही है जो मदद के अवसर को हाथ नहीं जानें देतो है. मदद का अवसर व्यक्ति को सच्चा सुख प्रदान करता है. मदद से दूसरों के चेहरे पर आनी वाली खुशी मानवता को बढ़ावा देती है.


मदद से जीवनदान मिलता है
प्रबुद्ध जनों की मानें तो कभी कभी मदद व्यक्ति को जीवनदान भी प्रदान करती है. जब मदद से किसी की जान बचती है तो ऐसे व्यक्ति से भगवान भी प्रसन्न होते हैं और जीवन में ऐसे लोगों को सम्मान और सफलता प्राप्त होती है. मदद के लिए समय और संसाधनों की कमी नहीं देखनी चाहिए. जिस स्थिति में भी मदद दी जा सकती है, देने का प्रयास करना चाहिए.


मदद से इंसानियत को बल मिलता है
दूसरों की सेवा और मदद करना ही असली इंसानियत का धर्म है. अच्छे और नेक कार्य में बाधाएं भी आती हैं, लेकिन इनसे भयभीत नहीं होना चाहिए. अपने कार्य को करते रहना चाहिए. मदद से इंसानियत को बल मिलता है.


यह भी पढ़ें:
Shani Dev: शनि देव के प्रसन्न करने के जानें उपाय, मंगलवार और शनिवार को जरूर करें ये उपाय, साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगा आराम